एक्सप्लोरर

जम्मू-कश्मीर के चुनाव से पहले ही क्या मोदी सरकार ने खेल दिया 'मास्टर स्ट्रोक'?

अगर आप कभी माता वैष्णों देवी की यात्रा पर गए होंगे और आपके साथ कोई छोटा-सा बच्चा होगा तो आपने यकीनन एक पिट्ठू की सेवाएं जरुर ली होंगी. लेकिन उसका नाम जानकर मन में पहले तो थोड़ा डर भी पैदा हुआ होगा लेकिन जब आसपास के लोगों को उन्हें 'बुक' करते हुए देखा होगा तो यकीन हो गया होगा कि ये सही व ईमानदार लोग हैं. वे कहलाते तो पिट्ठू हैं लेकिन हैं तो इंसान ही जो अपनी पीठ या अपनी छाती के आगे बंधे सुरक्षा-कवच में बच्चे को बैठाकर संतुष्ट कर देता है कि आप निश्चिंत होकर पैदल यात्रा करते रहें. वो आपके अगले पड़ाव पर पहुंचने से पहले ही बच्चे को दूध-बिस्किट ख़िला रहा होता है और तब ये नजारा देखकर आप भी हैरान हो जाते हैं.

दरसअल, ये पिट्ठू तो यात्रा की शुरुआत यानी बाणगंगा से ही प्रशासन से जारी उस बैच को आपको दिखा देते हैं कि उनका नाम-नंबर क्या है. जिन्हे यकीन नहीं होता वे उन्हें अपना बिल्ला देने से भी परहेज नहीं करते. बेशक वे प्रशासन द्वारा तय रेट से कुछ पैसा ज्यादा मांगते हैं लेकिन वे आपके साल-दो साल की उम्र वाले बच्चे को भवन तक सुरक्षित पहुंचाने की पूरी गारंटी भी देते हैं. आपको हैरानी तब होती है जब आप अगले पड़ाव पर पहुंचते हैं और वह पिट्ठू उस बच्चे से अठखेलियां करते हुए उसे हंसाने-खिलाने में मस्त रहता है. हर रोज एक नए बच्चे को नीचे से माता रानी के भवन तक पहुंचाना उसकी पेशेवर मजबूरी तो है ही लेकिन वो ईमानदारी व समपर्ण के साथ ही इस देश की धर्मनिरपेक्षता का सबसे बड़ा सबूत भी है. वे आपके साथ ही माता रानी के जयकारे लगाने में भी कोई परहेज नहीं करते.

शायद बेहद कम लोग जानते होंगे कि वे पिट्ठू कौन हैं किस मजहब से है जो अपने पुरखों की इस परंपरा को लगातार निभाते आ रहे हैं. बता दें कि वे सब कश्मीर घाटी में रहने वाले गुर्जर मुसलमान हैं. जिनके पास घाटी में भेड़ पालन या कोई और रोजगार नहीं है और वे सब पिछले कई दशक से घाटी से निकलकर जम्मू रीजन के कटरा में डेरा डाले हुए हैं ताकि मेहनत की कमाई से उनके घर दो वक्त का चूल्हा जल सके. अब जरा इस बात को भी समझिये कि पिछले आठ बरस से तमाम आलोचनाओं और विपक्षी दलों द्वारा "हिटलर शाही" का तमगा देने के बावजूद अगर देश की जनता उसके ही जयकारे लगाती है तो जाहिर है कि उसमें कुछ ऐसी दूरदृष्टि है जो हमारे नेताओं को अब तक समझ नहीं आई थी. 

आपको बता दें कि अगले कुछ महीने में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले केंद्र सरकार यानी पीएम मोदी ने ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेला है जिसे सुनकर सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि कश्मीर घाटी की रहनुमा बनने वाली हर उस क्षेत्रीय पार्टी को ऐसा करंट लगा है जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा. दरअसल, पीएम मोदी के लिये फैसले को अमली जामा पहनाते हुए ही केंद्र सरकार ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के चर्चित नेता गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. आप सोचिये और समझिए कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के किसी एक शख्स को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजने का फैसला आखिर क्यों लिया. 

इसके बेहद सियासी मायने भी हैं क्योंकि आज तक वहां रहने वाले गुर्जर मुस्लिम समुदाय को न तो उनकी सामाजिक हैसियत दी गई और न ही उन्हें सरकार में कोई प्रतिनिधित्व दिया गया था. लिहाजा, मोदी सरकार ने सियासी बिसात पर अपनी बाज़ी चलते हुए नफ़रत की निगाहों से देखने वालों को ये संदेश देने की कोशिश की है कि मैं मोहब्बत करना और उसे निभाना भी जानता हूं. दरअसल, जम्मू -कश्मीर को लेकर पीएम मोदी ने सियासी शतरंजी बिसात पर एक के बाद एक ऐसी चाल खेली है जिसे विपक्षी दल समझ तो रहे हैं लेकिन उन्हें कोई ऐसा तोड़ ही नजर नहीं आ रहा है कि वे इसे मात दें भी तो आखिर  कैसे दें.

हालांकि सियासी हलकों से लेकर मीडिया तक में केंद्र सरकार के इस कदम को इसलिये भी  महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले गुर्जर मुस्लिम समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम या न के बराबर ही प्रतिनिधित्व था. गौरतलब है कि  केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

लेकिन बीजेपी अब जम्मू-कश्मीर में भगवा लहराने की  तैयारी कर रही है और इसके लिए कांग्रेस का दामन छोड़कर आये गुलाम नबी आज़ाद की नयी पार्टी को बेहद अहम सीढ़ी माना जा रहा है.इसमें सच कितना है,ये तो हम भी नहीं जानते लेकिन सियासी हलकों में चर्चा यही है कि गुलाम नबी आजाद के सुझाव पर ही मोदी सरकार ने एक गुर्जर मुस्लिम नेता को राज्यसभा का सदस्य नामित करवाकर एक नया इतिहास रचा है.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Loksabha Election 2024: चुनाव से पहले कोहराम..जल रहा नंदीग्राम | Mamata Banerjee |  West BengalLoksabha Election 2024: बुजुर्ग मां-बाप...केजरीवाल..और कैमरा ! Delhi Police | PM Modi | KejriwalLoksabha Election 2024: सबसे बड़ा रण...कौन जीतेगा आजमगढ़ ? Dinesh Lal Nirahua | Dharmendra YadavAAP और कांग्रेस साथ, इंडिया गठबंधन को वोट की बरसात या फिर बीजेपी को 7 में 7? KBP Full

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Cancer: कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
Embed widget