एक्सप्लोरर

मुख्तार की मौत को मुद्दा बनाएगा विपक्ष, लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में दिखेगा असर

उतर प्रदेश के चर्चित विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की उतर प्रदेश के बांदा जेल में गुरुवार यानी 28 मार्च की रात मौत हो गई है. उसके बाद यूपी की सरकार की ओर से सुरक्षा को ध्यान में रखकर काफी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने जितने भी प्रशासन के लोग हैं, उनको कड़ा संदेश दिया है कि किसी प्रकार की गड़बड़ी क्षेत्र में नहीं होनी चाहिए. मस्जिदों में और खासतौर पर मुस्लिम इलाके में ज्यादा नजर रखी जा रही है.

उत्तर प्रदेश में बनेगा मुद्दा

इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति से लेकर और अपराध जगत तक मुख्तार अंसारी और उसका नाम और उसके नाम का सिक्का चलता था. मुख्तार अंसारी की मृत्यु के पहले के कुछ दिन के जैसे घटनाक्रम रहे हैं, वो इस पूरे मामले को सामान्य घटना नहीं रहने दिया है. उनके भाई अफजल अंसारी ने आरोप लगाया है कि मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया जा रहा है. कल यानी गुरुवार 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत होने के 2 दिन पहले ही उसकी तबीयत खराब हुई थी, और उसे जेल से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. उसके बाद 12 घंटों में ही आईसीयू से निकाल कर उसे फिर से जेल में डाल दिया गया. ये बात चल रही थी कि मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया जा रहा है अथवा दिया गया है. ये सब आरोप प्रत्यारोप लग रहे थे. इसी बीच अचानक जिस तरह से मुख्तार अंसारी की जेल में तबीयत खराब हुई और उसको अस्पताल लाया गया और उसके बाद उसकी मौत की घोषणा हो गई, वह भी थोड़ा सोचने को मजबूर करता है. हालांकि, बुलेटिन में मरने का समय रात 8:25 का वक्त बताया गया, लेकिन इसकी घोषणा रात के तकरीबन 11:00 बजे हुई. ये बताता है कि बुलेटिन के जारी होने और घोषणा करने में करीब दो घंटे का वक्त बीत गया. दो घंटे प्रशासन के लिए स्थिति को भांपने और उसके लिए इंतजार करने में लग गया. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद खासतौर से जो मुस्लिम फॉलोइंग की बात हो रही थी, तो ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुस्लिम फॉलोअर्स उसके पास हैं . हालांकि 1996 से जब मुख्तार अंसारी राजनीति में आया, उसके बाद से उनकी छवि एक इस तरह से बनाई गई या बन गई कि वह मुस्लिम समुदाय का नेता है, या फिर एक मुसलमान माफिया है. जबकि वास्तविकता ये थी कि गाजीपुर और मऊ के इलाकों में जो गैर-मुस्लिम बिरादरी है, जिसमें यादव भूमिहार या और भी पिछड़ी जातियां उनमें से बहुत सारे लोग मुख्तार के बहुत करीबी थे. मुख्तार अंसारी की जीत केवल मुसलमान वोटों से नहीं होती थी.

राजनीति भी, अपराध भी

मुख्तार अंसारी की राजनीति बहुत दबंगई की थी. आपराधिक मुकदमे भी दर्जनों उस पर चले, जिसमें हत्या से लेकर दंगे तक के मामले थे. मऊ में जब 90 के दशक में दंगे हुए थे, तो एक तस्वीर वायरल हुई. जिसमें वो अपने समर्थकों के साथ हथियार लेकर खुले जीप में सवार होकर जा रहे थे. उस समय उन पर आरोप लगा था कि वह दंगे को भड़का रहे हैं. बाद में मुकदमा भी दर्ज हुआ, जबकि मुख्तार का कहना था कि वह दंगा शांत कराने के लिए बतौर जनप्रतिनिधि निकले थे. यह विवाद मुख्तार के साथ जीवन भर बना रहा. और वही एक तरीके से बाद के दिनों में और खासतौर पर पिछले 7 सालों में वह एक बड़ी पहचान के तौर पर स्थापित की गई है. वैसे, मुख्तार अंसारी की जो फॉलोइंग है या जो उनका असर है, वह पूर्वांचल के चार-पांच जिलों पर बहुत मजबूती से है. जिसमें बनारस से लेकर बलिया तक, गाजीपुर से मऊ तक के इलाके शामिल हैं. मऊ वह जगह है, जहां से मुख्तार लगातार पांच बार विधायक बनते रहे और उसके बाद उनके बेटे इस वक्त वहां से विधायक है. वहां पर निश्चित तौर पर यह आशंका प्रशासन को है कि मुख्तार की मौत की खबर सुनने के बाद थोड़ी सी उत्तेजना हो या प्रतिक्रिया हो सकती है. उसी को बचाने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पूरा इंतजाम किए.

मुख्तार का पूरा परिवार आरोपित

मुख्तार की पत्नी अफ़सा अंसारी भगोड़ा है और यूपी सरकार ने उस पर ईनाम भी रखा है. एक बेटे उनके जेल में हैं, और एक बेटा भी विवाद में है और उस पर  हेट स्पीच का मुकदमा चल रहा है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से या फिर जिस तरह से आज पूरा उत्तर प्रदेश में माहौल है,  उसमें सुरक्षा के इंतजाम किए गए है. देखा जाए जो मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ऐसे व्यक्ति थे, जिनका पिछले सात वर्षों में एक माफिया आइडेंटिटी के साथ ज्यादा प्रॉपेगैंडा किया गया. हालांकि, अतीक अहमद की बात जहां तक सच भी हो लेकिन मुख्तार अंसारी खुद में एक बहुत दबंग व्यक्ति रहे है. बहुत सारे उनके ऊपर आरोप भी रहे. कुछ मामलों में सजा भी हुई. कृष्णानंद राय के हत्याकांड के मुख्य आरोपी भी बनाए गए और उत्तर प्रदेश में इन दो नामों को माफिया के खिलाफ लड़ाई के नाम पर ज्यादातर तरजीह दी गई . जाहिर सी बात है, इससे एक ऐसा एंगल जरूर बनता है जो भारतीय जनता पार्टी की राजनीति को सूट करता है. उसके बाद अतीक अहमद की जिस तरह से कचहरी में पुलिस के हिरासत में हत्या हुई, तो एक धड़ा यह प्रचारित करने में लगा कि अतिक अहमद की हत्या करने के पीछे भी एक बड़ा षड्यंत्र है, दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी एक माफिया टर्न्ड पॉलिटिशियन थे, जो एक आइकॉन बन गए थे. उत्तर प्रदेश की राजनीति का जो वह हिस्सा है जहां पर सांप्रदायिकता होती है या हो सकती है. इसकी संभावना मुख्तार अंसारी को लेकर बनाई गई.

विपक्षी पार्टियां बना रही मुद्दा

जाहिर सी बात है कि चुनाव का वक्त है तो कानून-व्यवस्था एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है. किसी भी सरकार को उससे समझौता नहीं करना चाहिए, हालांकि, राजनीति का गुणा- गणित, लाभ हानि अलग तरीके से चलता है, मुख्तार की मौत से भाजपा को परेशानी होगी.मौत की घोषणा के बाद लगभग सभी विपक्षी दलों ने प्रतिक्रिया दिया. समाजवादी पार्टी का ट्वीट आया और मायावती ने भी खुद ही ट्वीट किया. मायावती मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा कहती थी. मुख्तार अंसारी ने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत बसपा के टिकट पर की थी. फिर कांग्रेस ने भी ट्वीट कर जांच करने की बात कही. उसके अलावा और भी ढेर सारे लोग इस की न्यायिक जांच की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. उसके पीछे वजह यह है कि कुछ दिन पहले आरोप लगा कि जेल में जहर दिया जा रहा था, और उसमें कुछ जेल अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी. चुनाव की बात करें तो ये सच है कि बनारस से आगे बढ़ने के बाद जैसे ही आप पूर्वांचल की तरह जैसे ही बढ़ेंगे तो वह सभी सीटों पर मुख्तार के मौत की घटना का असर थोड़ा या ज्यादा पड़े.

मुख्तार के इलाकों पर पड़ेगा असर 

इसका मुख्य असर गाजीपुर में बहुत ज्यादा असर पड़ने की बात बताई जा रही है. जाहिर सी बात है कि यह असर भारतीय जनता पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं होगा. क्योंकि वह स्थानीय इलाका था और वहां स्थानीय इलाका जो मुख्तार के लोग हैं वहां पर उसे बिल्कुल अपना मानते थे. वह सिर्फ मुसलमान का नहीं, बल्कि सभी का नेता था. इस घटना से ओम प्रकाश राजभर बहुत संकट में आ गए हैं. मुख्तार के बेटे को घोसी से टिकट दिया गया है. एनडीए की तरफ से और मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा फिलहाल ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के सिंबल पर ही विधायक है, लेकिन मुख्तार की मौत ने घोसी की सीट को बहुत मुश्किल कर दिया है. गाजीपुर की सीट पर अफजल अंसारी जो मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं और बहुत पुराने राजनीतिज्ञ हैं वो चुनाव लड़ रहे हैं. निश्चित तौर पर अब उनको फायदा मिलेगा. भाजपा के लिए तो जो एक हार्डकोर हिंदुत्व वाला वोट है, वो उम्मीद है कि वह उसके पक्ष में जा सकता है. देखा जाए तो राजनीति बहुत अलग तरीके से चलती है, वहां पर एक जगह के बारे में लोग काम जानते हैं लेकिन उसकी सुनी-सुनाई बातों का दूसरी जगह, दूसरी तरह से असर होता है. इसलिए, मुख्तार अंसारी का मुद्दा पूरे लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में निश्चित तौर पर छाया रहेगा.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ़ लेखक ही ज़िम्मेदार हैं.] 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
ABP Premium

वीडियोज

India-Russia Mega Defense Deal! India को मिलेगी Russia की Nuclear-Powered Submarine
'ना झुकेगा भारत, ना टूटेगा रूस', पुतिन के भारत दौरे की China में गूंज, जानें क्या कहा?
सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
पुतिन ने कहा- कई क्षेत्रों में साथ आगे बढ़ने की योजना, पीएम मोदी बोले- आपकी यात्रा ऐतिहासिक
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
10वीं बार CM बनने पर नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन की बधाई, जानिए क्या कहा
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से चिढ़े पाकिस्तानी एक्सपर्ट, बोले- हमारे यहां भी आते हैं किंग और ट्रंप हमें...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
Border 2 Teaser: सनी देओल धमाका करने के लिए हैं तैयार, इस दिन रिलीज होगा 'बॉर्डर 2' का टीजर
सनी देओल धमाका करने के लिए हैं तैयार, इस दिन रिलीज होगा 'बॉर्डर 2' का टीजर
वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में कोहली किस नंबर पर, सचिन समेत ये अन्य टॉप 5 में शामिल
वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में कोहली किस नंबर पर, सचिन समेत ये अन्य टॉप 5 में शामिल
Vladimir Putin India Visit: पुतिन भारत में तो कौन ले रहा यूक्रेन जंग के फैसले, किसके पास यह जिम्मेदारी?
पुतिन भारत में तो कौन ले रहा यूक्रेन जंग के फैसले, किसके पास यह जिम्मेदारी?
UPPCS ने पॉलिटेक्निक लेक्चरर के पदों पर निकाली भर्ती, सैलरी सुनकर उड़ जाएंगे होश
UPPCS ने पॉलिटेक्निक लेक्चरर के पदों पर निकाली भर्ती, सैलरी सुनकर उड़ जाएंगे होश
Embed widget