एक्सप्लोरर

BLOG: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ गठबंधन तोड़ने के बाद अब क्या करेगी भाजपा?

भाजपा को जब यह पूर्ण अहसास हो गया कि नेकनामी का घड़ा खाली का खाली है और बदनामी का घड़ा छलक उठा है तो उसने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ सरकार बनाने के लिए किया गया गठबंधन एक झटके में तोड़ डाला. अब वहां आठवीं बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है. ध्यान रहे कि दिसंबर, 2014 में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के 49 दिनों बाद तक जम्मू-कश्मीर ने राज्यपाल का शासन झेला था क्योंकि किसी भी राजनीतिक दल के पास पर्याप्त सीटें नहीं थीं और गठबंधन के लिए कोई आगे नहीं आ रहा था. आखिरकार मुफ्ती मोहम्मद सईद (अब स्वर्गीय) साहब की रणनीति काम आई और भाजपा के साथ हो लेने पर सरकार बन ही गई. हालांकि मुफ्ती साहब ने शांतिपूर्ण चुनाव होने देने के लिए पाकिस्तान, अलगाववादी हुर्रियत और उग्रवादियों का शुक्रिया अदा किया था, लेकिन यह नुक्ता भी सत्ता के लोभ के आगे टिक नहीं सका.

विपक्षियों ने इस गठबंधन के श्रीगणेश पर ही ‘अपवित्र’ और ‘राष्ट्रविरोधी’ होने का ठप्पा लगा दिया था. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने टिप्पणी की थी कि अब सूरज पश्चिम से भी उग सकता है! नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने तो यहां तक तंज कसा था कि जिस संविधान की छुट्टी कराने को लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी शहीद हो गए थे, भाजपा विधायक अब जम्मू-कश्मीर के उसी संविधान के तहत पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे! स्पष्ट था कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य में भाजपा के लिए एन-केन-प्रकारेण शासन करना बहुत बड़ा आकर्षण एवं लोभ था.

बहरहाल एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बना लेकिन पिछले सवा तीन साल के गठबंधन काल में न तो धारा 370 हटाने पर बात आगे बढ़ी, न 35 ए कलम पर दोनों पक्षों में कोई विचार-विमर्श हुआ. अफस्पा कानून हटाने का तो किसी ने नाम तक नहीं लिया. उल्टे घाटी में सैनिकों और नागरिकों की शहादत के नए रिकॉर्ड बनते गए. पढ़े-लिखे नौजवानों, प्रोफेसरों, डॉक्टरों, इंजीनियरों के आतंकवाद की राह पर निकल पड़ने की सुर्खियां बनीं, कॉलेज की छात्राओं के जान हथेली पर रख कर पत्थरबाज गैंग में निर्भय होकर शामिल होने की खबरें आईं. इस सूरत में सरकार का हिस्सा बने रहकर भाजपा छीछालेदर में अपनी हिस्सेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती थी.

BLOG: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ गठबंधन तोड़ने के बाद अब क्या करेगी भाजपा?

भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रभारी राम माधव ने यह कहते हुए इसका ठीकरा पीडीपी के सर फोड़ा है कि केंद्र से हरसंभव मदद मिलने के बावजूद पीडीपी राज्य के लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं कर सकी. राम माधव के आरोप से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में पीडीपी मनमानी कर रही थी और भाजपा की उसके सामने एक नहीं चल पा रही थी. हां, इतना जरूर देखा गया कि कठुआ गैंगरेप मामले में जो रुख महबूबा मुफ्ती ने अख्तियार किया था वह भाजपा को पच नहीं रहा था और भाजपाई मंत्रियों के मजबूरन इस्तीफे के बाद से जम्मू क्षेत्र में पार्टी की पकड़ ढीली होती जा रही थी.

चूंकि जम्मू और लद्दाख क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है, इसलिए वह 2019 के आम चुनावों से पहले उस क्षेत्र के मतदाताओं की नाराजगी बढ़ते जाना अपनी सेहत के लिए नुकसानदेह समझ रही थी. वैसे भी भारत-पाकिस्तान सीमा पर खून की होली आए दिन खेली जा रही है और स्थानीय उग्रवाद चरम सीमा पर होने के साथ-साथ नागरिक विद्रोह उभार पर है. उपलब्धि के नाम पर भाजपा की झोली में कुछ नहीं आया. केंद्र और राज्य में सत्तासीन होने के बावजूद कश्मीरी पंडितों का घाटी में पुनर्वसन न हो पाने से भाजपा मूल निवासी पंडितों की सहानुभूति भी खोती जा रही थी. ऐसे में मध्यस्थ और ख्यात पत्रकार शुजात हुसैन तथा बीसएफ जवानों  की नृशंस हत्या ने भाजपा को गठबंधन तोड़ने का वह उच्च नैतिक धरातल उपलब्ध करवा दिया, जिसकी तलाश में वह पिछले कुछ माह से बेचैन थी.

अब सवाल उठता है कि भाजपा के लिए आगे का रास्ता क्या है? क्या वह सरकार से अलग होकर धारा 370 का पुराना राग अलापेगी और राष्ट्रवाद का ढोल फिर से पीटने लगेगी. राज्य में धार्मिक और क्षेत्रीय आधार पर वर्ष 2008 के अमरनाथ यात्रा विरोध जैसी दोफाड़ की परिस्थिति पैदा हो गई है. पिछले दिनों रमजान में भारत की तरफ से हुए इकतरफा सीजफायर का श्रेय भाजपा से अधिक पीडीपी ने लूट लिया और केंद्र की बाहुबली रणनीति पर हमला करते हुए महबूबा मुफ्ती कह रही हैं कि केंद्र कश्मीर के साथ दुश्मन इलाके की भांति व्यवहार नहीं कर सकता. वह धारा 370 को अक्षुण्ण रखने का श्रेय भी ले चुकी हैं. इसकी काट निकालते हुए भाजपा को राज्य के संभावित विधानसभा चुनावों पर भी ध्यान रखना है और 2019 के आम चुनावों में पीडीपी से हाथ मिलाने का नुकसान भी नहीं होने देना है. विडंबना यह है कि जम्मू क्षेत्र में भाजपा का ध्रुवीकरण एजेंडा कश्मीर घाटी में महबूबा को मजबूत ही करेगा. यह भांपते हुए भाजपा अब अपने पाक-मुस्लिम-अलगाववाद वाले एजेंडा पर स्वतंत्रता पूर्वक काम करेगी. वह अपनी सेना-हितैषी छवि को और चमकाने, अलगाववादियों का सख्त विरोध करने तथा उग्रवादियों का निर्मम सफाया करने के रास्ते पर आगे बढ़ेगी और इसे खूब प्रचारित भी करेगी.

BLOG: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ गठबंधन तोड़ने के बाद अब क्या करेगी भाजपा?

कठुआ कांड में घिरे चौधरी लाल सिंह पार्टी को वन मंत्री पद और चंद्र प्रकाश गंगा को उद्योग मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था, जिसे पीडीपी की दबंगई के तौर पर देखा और प्रचारित किया गया था. अब दोनों जम्मू के साथ क्षेत्रीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए लगातार रैलियां कर रहे हैं. पार्टी को पुरानी रंगत में लौटाने के इरादे से भाजपा ने पिछले दिनों युवा-तेजतर्रार विधायक रवींदर रैना को जम्मू-कश्मीर इकाई का अध्यक्ष बनाया है. लेकिन भाजपा के लिए इस सबसे बढ़ कर अनुकूल स्थिति यह है कि राज्यपाल का शासन लागू होने से वह जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रभावशाली दखल दे सकती है. अब नई दिल्ली का राज्य के प्रशासन और सुरक्षा मशीनरी पर पूर्ण नियंत्रण हो गया है. पीडीपी या अन्य दल खास मुद्दों को लेकर भी उस पर दबाव नहीं बना सकते. गठबंधन से बाहर निकलने को भाजपा पूरे देश में किसी शहादत की तरह भुनाएगी.

जिन महबूबा मुफ्ती पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्र जमात-ए-इस्लामी और हिजबुल मुजाहिदीन से मिले होने का शक जताया करते थे, यहां तक कि अटल जी ने 2003 में हुई श्रीनगर की एक रैली में महबूबा के साथ मंच साझा करने से साफ इंकार कर दिया था, उन्हीं की पार्टी पीडीपी के साथ भाजपा का सरकार बना लेना बहुतों के लिए एक अबूझ पहेली थी. गठबंधन से निकलने के बाद अब आगे भाजपा को इसकी सफाई भी देनी होगी.

लेखक से ट्विटर पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://twitter.com/VijayshankarC

और फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://www.facebook.com/vijayshankar.chaturvedi

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

श्रीनगर एयरपोर्ट से इंडिगो एयरलाइंस की दूसरी बार उड़ानें रद्द, यात्रियों की बढ़ी परेशानी
श्रीनगर एयरपोर्ट से इंडिगो एयरलाइंस की दूसरी बार उड़ानें रद्द, यात्रियों की बढ़ी परेशानी
अचारी बैगन के साथ लच्छा पराठा और..., राष्ट्रपति भवन में पुतिन को 'शाही डिनर' में क्या-क्या परोसा गया?
अचारी बैगन के साथ लच्छा पराठा और..., राष्ट्रपति भवन में पुतिन को 'शाही डिनर' में क्या-क्या परोसा गया?
Bigg Boss 19: शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
ABP Premium

वीडियोज

PPF में ये गलती मत करें! वरना बंद हो जाएगा Tax-Free Interest| Paisa Live
LIC के नए Protection Plus & Bima Kavach! क्या ये Plans आपके लिए सही हैं?| Paisa Live
Education Inflation 15% तक! बच्चों की पढ़ाई के लिए 2 करोड़ कैसे बनाएं? पूरी planning समझें|
Indigo Flight News: जनता की समस्या को मिला समाधान एयर इंडिय, स्पासजेट शुरु करेंगे अतिरिक्त उड़ान !
Interview: Tarun Garg, COO, Hyundai Motor India on Hyundai Creta electric | Auto Live

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
श्रीनगर एयरपोर्ट से इंडिगो एयरलाइंस की दूसरी बार उड़ानें रद्द, यात्रियों की बढ़ी परेशानी
श्रीनगर एयरपोर्ट से इंडिगो एयरलाइंस की दूसरी बार उड़ानें रद्द, यात्रियों की बढ़ी परेशानी
अचारी बैगन के साथ लच्छा पराठा और..., राष्ट्रपति भवन में पुतिन को 'शाही डिनर' में क्या-क्या परोसा गया?
अचारी बैगन के साथ लच्छा पराठा और..., राष्ट्रपति भवन में पुतिन को 'शाही डिनर' में क्या-क्या परोसा गया?
Bigg Boss 19: शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
शो में जाने से पहले क्या अमाल मलिक को डेट कर चुकी हैं मालती चाहर? बता दी सच्चाई
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
दुनिया में कहां हैं सबसे ज्यादा हवाई अड्डे, टॉप-10 में कौन से देश? जानें किस नंबर पर है भारत
न्यूक्लियर प्लांट, यूरिया प्रोडक्शन, टूरिस्ट वीजा और यूक्रेन वॉर... PM मोदी और पुतिन का ज्वाइंट स्टेटमेंट | बड़ी बातें
न्यूक्लियर प्लांट, यूरिया प्रोडक्शन, टूरिस्ट वीजा और यूक्रेन वॉर... PM मोदी और पुतिन का ज्वाइंट स्टेटमेंट | बड़ी बातें
इंडिगों के 'महासंकट' के बीच यात्रियों की परेशानी दूर करने उतरा रेलवे, कर डाला ये बड़ा ऐलान
इंडिगों के 'महासंकट' के बीच यात्रियों की परेशानी दूर करने उतरा रेलवे, कर डाला ये बड़ा ऐलान
जमीन विवाद में घिरे खली, तहसीलदार ने किया बड़ा खुलासा, बोले- 'सेलिब्रिटी कानून से ऊपर नहीं'
जमीन विवाद में घिरे खली, तहसीलदार ने किया बड़ा खुलासा, बोले- 'सेलिब्रिटी कानून से ऊपर नहीं'
Embed widget