एक्सप्लोरर

BLOG: अब राहुल गांधी को 'पप्पू' की छवि तोड़नी होगी!

अब सिर्फ यही सवाल बाकी रह गया है कि कांग्रेस की कमान आखिर कब संभालेंगे राहुल गांधी? 19 नवंबर को इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर या यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले या इन चुनावों के नतीजे आने के बाद संगठन के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने पर. यहां फैसला सोनिया गांधी को करना है ऐसा बताया जा रहा है. लेकिन जब कांग्रेस वर्किग कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर ही दिया है तो अब कमान हाथ में लेने का फैसला राहुल गांधी को ही करना है. असली नेता वही होता है जो आगे बढ़कर नेतृत्व करे.

अगर सचमुच में राहुल गांधी को लगता है कि वह इस चुनौती को स्वीकारने को तैयार है तो उन्हे 19 नवंबर के दिन अध्यक्ष बन जाना चाहिए. उसी दिन आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की भी बैठक है. उसमें कांग्रेस वर्किंग कमेटी के प्रस्ताव पर मुहर भी लगाई जा सकेगी. सवाल उठता है कि दो कदम आगे और एक कदम पीछे की रणनीति पर ही राहुल गांधी चलते रहेंगे या सब को चौंकाएंगे.

यह सवाल इसलिए उठाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी का चुनाव जीतने का रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है. 2013 में जयपुर में हुई कांग्रेस की बैठक में राहुल को उपाध्यक्ष बनाया गया था . उसके बाद के तीन सालों में कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा के कुल मिलाकर बीस चुनाव हार चुकी है. कभी देश के बड़े हिस्से पर राज करने वाली कांग्रेस के पास कर्नाटक ही एकमात्र बड़ा राज्य बचा है . वह सात फीसद आबादी तक सिमट कर रह गयी है. कभी अकेला चलो रे का नारा देने वाली कांग्रेस ने इस बीच बिहार और तमिलनाडु में गठबंधन किया. यहां तक कि बंगाल में चालीस साल के दुश्मन वाम मोर्चे से भी हाथ मिलाया ताकि ममता को हराया जा सके.

कांग्रेस प्रशांत किशोर को चुनाव आउट सोर्स करने वाली पार्टी हो गयी है और यूपी में भी प्रशांत किशोर मुलायम सिंह से लेकर अखिलेश सिंह से हाथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं. हैरानी की बात है कि पार्टी के नेता इस कोशिश को प्रशांत किशोर की व्यक्तिगत मुलाकातें बता रहे हैं . अरुणाचल प्रदेश में पूरी की पूरी कांग्रेस बीजेपी के साथ जा चुकी है. मणिपुर में भी कांग्रेस के बड़े नेता बीजेपी में जा रहे हैं. कई राज्यों में गुटबाजी चरम पर है. हरियाणा में विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस में खुलकर धड़ेबाजी हो रही है.

पंजाब में क्रिकेट खिलाड़ी नवजोत सिंह सिद्दू को लेने न लेने पर घमासान मचा है. यूपी में खाट संदेश यात्रा की सफलता पर राहुल गांधी खुद ही खून की दलाली का बयान जारी कर पानी फेर चुके हैं. पंजाब, गोवा और यहां तक कि गुजरात में भी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस पार्टी को चुनौती दे रही है. इनमें से दो राज्यों पंजाब औऱ गोवा में यूपी के साथ साथ विधानसभा चुनाव होने हैं.

सवाल उठता है कि इन सभी विपरीत परिस्थितियों के बीच राहुल गांधी थोड़ा वक्त लेंगे या सीधे टकराने की हिम्मत दिखा पाएंगे . ऐसा लगता है कि इस बार ताजपोशी हो ही जाएगी . ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि सीडब्लूसी के सामूहिक फैसले पर कोई विपरीत प्रतिक्रिया नहीं आई है . उल्टे कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने तो यहां तक कह दिया है कि यह काम कल भी हो सकता है. राहुल गांधी की मूक सहमति के बिना ए.के. एंटोनी ने प्रस्ताव रखा हो, मनमोहन सिंह ने अनुमोदन किया हो और सभी ने एक स्वर में पारित किया हो ऐसा हो नहीं सकता. ऐसे में सिर्फ एक ही सवाल उठ रहा है कि सीडब्लूसी की पूर्ण सहमति के बाद सोनिया गांधी पर अंतिम फैसला क्यों छोड़ा गया है? हो सकता है कि अस्वस्थता के चलते बैठक में नहीं आ पाई सोनिया गांधी का मान रखने के लिए ऐसा किया गया हो.

चाहे राहुल गांधी की ताजपोशी विधानसभा चुनावों से पहले होती है या बाद में, कुल मिलाकर उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है. बहुत से विश्लेषक और स्वयं पार्टी के नेता दबी जबान से कह चुके हैं कि राहुल गांधी के बस में नहीं है राजनीति करना. जिस तरह की आक्रामक राजनीति नरेन्द्र मोदी करते हैं या फिर जैसी कड़क राजनीति अरविंद केजरीवाल करते हैं उस तरह की राजनीति करना राहुल गांधी के खून में तो है लेकिन स्वभाव में नहीं. खून इसलिए कि उनकी दादी इंद्रिरा गांधी ऐसी ही कठोर राजनीति करती थी.

मोदी और केजरीवाल भी कहीं न कहीं इंदिरा गांधी से सीख लेते रहे हैं. कठोर फैसले करना, जोखिम उठाना, सबको चौंकाना और विपरीत हालात में वापसी करने के मौके को नहीं चूकना. इंदिरा गांधी के ऐसे ही गुण कांग्रेस को जिंदा बनाए रखने में सहायक हुए. आज राहुल गांधी से भी ऐसी ही उम्मीद साथी नेता भी कर रहे हैं, पार्टी कार्यकर्ता भी और वह जनता भी जो यह मान कर चलती है कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए देश में कम से कम दो राष्ट्रीय पार्टियों का होना जरुरी है. फिलहाल बीजेपी और मोदी के सामने राष्ट्रीय स्तर पर कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा है. राहुल गांधी के लिए पस्त कांग्रेस में जान फूंकना बड़ी चुनौती होगी. भारत में यह काम चुनाव जीत कर ही हो सकता है. ऐसा होने पर ही कांग्रेस की वापसी की चर्चा शुरु होगी और साथ ही राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता की.

लेकिन इसके लिए जरुरी होगा कि राहुल गांधी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले अध्यक्ष बन जाएं. यूपी में ऐसे किसी महागठबंधन का हिस्सा बनें जो चुनाव जीतने की क्षमता रखता हो. गोवा में बीजेपी की हालत बहुत ठीक नहीं है. वहां संघ के स्थानीय नेता सुभाण निजिंलेकर ने अलग दल बनाकर बीजेपी गठबंधन को चुनौती दी है. राहुल को वहां इस फूट का फायदा उठाने की नीति बनानी होगी. गोवा में आप वोटकटवा पार्टी साबित हो सकती है. इसे भी ध्यान में रखना होगा. मणिपुर में कांग्रेस की इबोबी सरकार तीन बार से सत्ता में है. वहां जीत का चौका उत्तर पूर्व में बीजेपी के असर को खत्म करने में सहायक होगा.

असम में जीत के बाद बीजेपी ने मणिपुर में भी कांग्रेस में सेंध लगानी शुरु कर दी है. उत्तराखंड में भी गुटबाजी को रोकना होगा. पंजाब में आप को पटखनी देने के लिए मायावती और सीपीआई से रणनीतिक समझौता करें. लेकिन सबसे बड़ी जरुरत खून की दलाली जैसे बयानों से बचने की रहेगी. सोशल मीडिया में चल रही पप्पू की छवि का तोड़ भी चुनाव की जीत ही निकाल पाएगी.

मीडिया में छपी खबरों के अनुसार हाल ही में राहुल गांधी से किसी युवा कांग्रेसी नेता ने यह सवाल पूछा भी था. तब राहुल ने कहा था कि कारपोरेट जगत से टक्कर लेने की वजह जानबूझकर उनकी ऐसी छवि बनाने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ऐसा माहौल फिर बनाने की कोशिश की जाएगी जिसका जवाब तलाशना पड़ेगा.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
ABP Premium

वीडियोज

Interview: Tarun Garg, COO, Hyundai Motor India on Hyundai Creta electric | Auto Live
Haval H9: क्या ये गाड़ी India में मिलती है? | Auto Live #havalh9
Passenger anger On Flight Delay: Indi'Go' कहें या फिर Indi'Stop'? | Bharat Ki Baat With Pratima
Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
Embed widget