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BLOG: अपने खेल पर ध्यान देते तो पाकिस्तान की हालत इतनी शर्मनाक ना होती
पाकिस्तान के सेमीफाइनल में जाने की शर्तें इतनी कठिन थीं कि उन्हें पूरा करने के बारे में सोचना भी अतिश्योक्ति था. जैसे ही बांग्लादेश की टीम ने पाकिस्तान के 316 रनों के लक्ष्य के जवाब में 7 रन बनाए पाकिस्तान की टीम विश्व कप से बाहर हो गई.
पाकिस्तान के सेमीफाइनल में जाने की शर्तें इतनी कठिन थीं कि उन्हें पूरा करने के बारे में सोचना भी अतिश्योक्ति था. जैसे ही बांग्लादेश की टीम ने पाकिस्तान के 316 रनों के लक्ष्य के जवाब में 7 रन बनाए पाकिस्तान की टीम विश्व कप से बाहर हो गई. नेट रन रेट के आधार पर पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में तभी पहुंच सकती थी अगर वो 308 रन बनाती और बांग्लादेश को शून्य पर ऑल आउट करती. ये असंभव था और असंभव ही रहा. बांग्लादेश ने अपनी पारी के दूसरे ही ओवर में 8 रन बनाकर पाकिस्तान को विश्वकप 2019 से बाहर कर दिया.
अफसोस की बात ये है कि ये स्थिति एशियाई क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं है जहां सेमीफाइनल में एशियाई टीम के तौर पर सिर्फ भारत की टीम दिखाई देगी. हालांकि पाकिस्तान की टीम की इस दुर्गति के लिए और कोई नहीं बल्कि वो खुद ही जिम्मेदार है.
पूर्व खिलाड़ियों के बेतुके बयानों ने बढ़ाया दबाव
अगर पाकिस्तान की टीम सिर्फ मैदान पर फोकस करती तो इतनी बुरी स्थिति नहीं होती. लेकिन पाकिस्तान के कुछ पूर्व खिलाड़ियों के बयानों ने बेवजह खिलाड़ियों को इधर-उधर की सोचने पर मजबूर किया. पहले बासित अली ने कहाकि भारत इंग्लैंड से जानबूझकर हार जाएगा जिससे पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में ना पहुंच पाए. बासित अली ने तो 1992 के अपने ही खिताब पर सवाल उठा दिए. उन्होंने कहाकि 1992 में न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान से जानबूझकर हार गई थी. उन्होंने दावा किया कि ये बात इमरान खान से भी पूछी जा सकती है जो उस वक्त पाकिस्तान के कप्तान थे.
सिकंदर बख्त जैसे खिलाड़ी ने भी इसी तरह की बात कहकर आग में घी डाला. इसके बाद न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के मैच पर शोएब अख्तर ने सवाल उठा दिए. उन्होंने कहाकि न्यूजीलैंड की टीम जिस तरह खेल रही थी उससे लगा ही नहीं कि वो मैच जीतने के लिए खेल रही है. इन बयानों ने और कुछ तो नहीं किया ये तस्वीर जरूर पेश कर दी कि मानो सारी दुनिया की टीमें पाकिस्तान को सेमीफाइनल में जाने से रोकने के लिए एकसाथ होकर साजिश कर रही हैं.
मायूस करने वाला इस विश्व कप में पाकिस्तान का सफर
10 वनडे मैचों में हार झेलने के बाद पाकिस्तान की टीम विश्व कप में आई थी. अपनी ‘अनप्रेडिक्टेबल” की छवि के साथ कोई चमत्कार ही पाकिस्तान को खिताब दिला सकता था. आखिरी दिन तक टीम में बदलाव चलते रहे. पाकिस्तान को पहले ही मैच में वेस्टइंडीज ने हरा दिया. दूसरे मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हराया तो उम्मीदें जागीं. लेकिन इसके बाद उम्मीदों का रह-रहकर दम टूटता रहा. ऑस्ट्रेलिया ने 41 रनों से हराया.
इसके बाद भारत ने हाई वोल्टेज मैच में पाकिस्तान को 89 रनों के बड़े अंतर से हराया. विश्व कप में भारत को हराने का पाकिस्तान का सपना एक बार फिर टूटा. भारत से बुरी तरह से हारने के बाद टीम के कई विवाद सामने आए. इसके बाद पाकिस्तान ने दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड और अफगानिस्तान को हराकर सेमीफाइनल की रेस में बने रहने का काम किया. लेकिन तब तक इतनी देर हो चुकी थी कि पाकिस्तान के पास हाथ मलने के अलावा कोई चारा नहीं था.
विवादों से बाहर नहीं निकल पाई टीम
भारत से मैच हारने के बाद पाकिस्तान के एक चैनल ने दावा किया कि कप्तान सरफराज ने कुछ खिलाड़ियों पर जानबूझकर खराब खेलने का आरोप लगाया. जिसको लेकर बात बहुत बढ़ भी गई थी. टीम पर ये भी आरोप लगे कि मैच से पहले सीनियर खिलाड़ी हुक्का पार्टी कर रहे थे. बाद में शोएब मलिक को सफाई देनी पड़ी कि वो तस्वीर मैच से पहले की नहीं है.
भारत से हार के बाद फैंस का सपोर्ट भी जाता रहा. अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान पाकिस्तान-अफगानिस्तान के फैंस में मारपीट हो गई. इन सारी बातों का परोक्ष – अपरोक्ष असर ये हुआ कि पाकिस्तान की टीम के खिलाड़ी कहीं ना कहीं दबाव में दिखे. जिसका असर उनके खेल में भी दिखाई दिया.
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आनंद कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
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