एक्सप्लोरर

लोकसभा चुनाव परिणाम 2024

UTTAR PRADESH (80)
43
INDIA
36
NDA
01
OTH
MAHARASHTRA (48)
30
INDIA
17
NDA
01
OTH
WEST BENGAL (42)
29
TMC
12
BJP
01
INC
BIHAR (40)
30
NDA
09
INDIA
01
OTH
TAMIL NADU (39)
39
DMK+
00
AIADMK+
00
BJP+
00
NTK
KARNATAKA (28)
19
NDA
09
INC
00
OTH
MADHYA PRADESH (29)
29
BJP
00
INDIA
00
OTH
RAJASTHAN (25)
14
BJP
11
INDIA
00
OTH
DELHI (07)
07
NDA
00
INDIA
00
OTH
HARYANA (10)
05
INDIA
05
BJP
00
OTH
GUJARAT (26)
25
BJP
01
INDIA
00
OTH
(Source: ECI / CVoter)

2024 में मायावती के गेम प्लान से कितना होगा बीजेपी को फायदा?

देश के दलितों की बेटी कहलाने वाली और उनकी सबसे बड़ी खैरख्वाह होने का दावा करने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से ही एक अजीब-सी खामोशी ओढ़ रखी थी. इन पांच सालों में उन्होंने देश के सबसे ज्वलंत मुद्दों पर भी सार्वजनिक रूप से अपनी राय प्रकट करने से अक्सर परहेज़ ही किया है. हो सकता है कि इसकी एक बड़ी वजह ये भी हो कि कुछ के मामलों में सीबीआई से उन्हें क्लीन चिट नहीं मिली है. लेकिन 2024 के लिए मायावती ने अपना गेम प्लान तैयार कर लिया है. 

उन्होंने किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन न करने का ऐलान करने का जो ऐलान किया है उसके सियासी मायने भी हैं. इसीलिए सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि इसके जरिए वे अपनी पार्टी को मजबूत करेंगी या फिर किसी और ही राजनीतिक ताकत को मजबूत करने के रास्ते खोलने वाली हैं? इसमें कोई शक नहीं कि देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को सोशल मीडिया की ताकत का अहसास हो चुका है और वे उस पर भी अव्वल नंबर पर आने की होड़ में लगी हुई हैं. देर से ही सही लेकिन मायावती को भी ये महसूस हुआ है कि सोशल मीडिया को नजरअंदाज करके सियासी अखाड़े में मुकाबला नहीं किया जा सकता.

लिहाजा, बीएसपी (BSP) ने भी सोशल मीडिया पर अपना विस्तार शुरू कर दिया है. बीएसपी अब फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) पर भी सक्रिय हो रही है. यानी ट्विटर (Twitter) और यूट्यूब (YouTube) के बाद ये भी बीएसपी का सार्वजनिक मंच होगा. पार्टी नेता पार्टी इस नई पहल को मिशन युवा शक्ति से जोड़कर देख रहे हैं और उनके मुताबिक सबसे पहले हर स्तर पर ये कोशिश होगी कि कम से कम 50 फीसदी युवाओं की भागेदारी को इसमें सुनिश्चित किया जाए. सच तो ये है कि साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों के बाद से ही सूबे में मायावती की जमीन लगातार कमजोर होती जा रही है और उनके सबसे मजबूत माने जाने वाले दलित वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा बीएसपी से छिटककर या तो बीजेपी के साथ आ गया है या फिर अखिलेश यादव की सपा के पाले में चला गया है. 

हालांकि एक जमाना वह भी था, जब दलित, मुस्लिम और अति पिछड़ा वोट बैंक मायावती की सबसे बड़ी ताकत रहा है. वैसे तो मायावती चार बार सूबे की मुख्यमंत्री रहीं हैं लेकिन साल 2007 से 2012 तक सिर्फ एक बार ही उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. यूपी की राजनीति के जानकार मानते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी खामोश रहने वाली मायावती अगर एकाएक सक्रिय हो उठी हैं तो इसके गहरे सियासी मायने भी हैं क्योंकि राजनीति में आम लोगों को वह खेल नहीं दिखता जो पर्दे के पीछे से चल रहा होता है. दलित-मुस्लिम वोट बैंक को एक बार फिर अपने पाले में खींचने के लिए मायावती ने जो प्लान बनाया है, उसका उन्हें कितना फायदा होगा, ये तो फिलहाल कोई नहीं जानता. लेकिन उन्होंने शतरंज की बिसात बिछाने की तैयारियां तो शुरू कर ही दी हैं.

पिछले महीने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की पार्टी में वापसी और इमरान मसूद को पार्टी से जोड़ना मायावती की इसी मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है. बीते दिनों ही अतीक अहमद की पत्नी ने भी बीएसपी का दामन थाम लिया है. लेकिन वह जातीय समीकरण भी साध रही हैं और इसी के चलते उन्होंने पिछले दिनों विश्वनाथ पाल को बीएसपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एक संदेश देने की कोशिश भी की है. लेकिन एक बड़ा सवाल ये भी है कि मायावती 2019 की तरह ही अगले लोकसभा चुनाव में सपा या किसी अन्य दल के साथ गठबंधन आख़िर क्यों नहीं करना चाहती हैं? 

हालांकि उनका जवाब तो यही है कि हमने काफी सोच समझकर किसी भी पार्टी से गठबंधन न करने का फैसला किया है क्योंकि गठबंधन करने से बीएसपी को कोई फायदा नहीं होता. उलटे, गठबंधन में बीएसपी का वोट तो दूसरे दल को ट्रांसफर होता है मगर दूसरे दलों के वोट बैंक का बसपा को कोई फायदा नहीं मिलता इसलिए बीएसपी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. ये तो था, मायावती का जवाब. लेकिन इसमें एक ऐसा सियासी पेंच भी फंसा हुआ है जो बीएसपी के अकेले चुनावी-मैदान में कूदने से अखिलेश यादव की एसपी को नुकसान पहुंचाएगा तो बीजेपी के लिए उन सीटों पर फायदे का सौदा साबित होगा जहां पार्टी कमजोर है और जो सीटें फिलहाल उसकी झोली में नहीं हैं.

शायद इसीलिए सियासी जानकार ये मान रहे हैं कि 2024 की सियासी जंग नजदीक आने के साथ ही एसपी-बीएसपी के बीच मुस्लिम वोट बैंक की जंग और तीखी होगी. हालांकि बीते विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों ने एसपी को एकतरफा वोट देकर अखिलेश यादव को सत्ता में लाने की भरपूर कोशिश की थी फिर भी वो कामयाब नहीं हो पाए. उसके बाद मुसलमानों से जुड़े कई मसलों पर अखिलेश की चुप्पी ने समुदाय के बड़े तबके को नाराज कर दिया था. अब उनके पास सिर्फ दो ही विकल्प बचते हैं कि बरसों बाद या तो वे कांग्रेस का हाथ थामें या फ़िर मायावती पर भरोसा करें. हालांकि पूरे सूबे के मुस्लिम समुदाय के मिजाज़ को समझना और उसका कोई नतीजा निकलना फिलहाल जल्दबाजी ही होगी. लेकिन मायावती मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी करने में अपनी कोई कसर बाकी नहीं रखेंगी क्योंकि मुस्लिम वोटों के बंटवारे से आखिरकार फायदा तो बीजेपी को ही होगा.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Monsoon Arrival: अगले 3 दिन में महाराष्ट्र समेत इन राज्यों में मानसून की एंट्री! दिल्ली में आज तूफानी बारिश, जानें देश में कैसा रहेगा मौसम
Monsoon Arrival: अगले 3 दिन में महाराष्ट्र समेत इन राज्यों में मानसून की एंट्री! दिल्ली में आज तूफानी बारिश, जानें देश में कैसा रहेगा मौसम
Mr And Mrs Mahi Box Office Collection Day 6: ‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ की हर दिन घट रही कमाई, छठे दिन खाते में आए बस इतने करोड़
‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ की हर दिन घट रही कमाई, छठे दिन हुई बस इतनी कमाई
PNG vs UGA: युगांडा के गेंदबाज़ों ने बरपाया कहर, 77 रनों पर ढेर हुई पापुआ न्यू गिनी; 43 साल का बॉलर भी चमका
युगांडा के गेंदबाज़ों ने बरपाया कहर, 77 रनों पर ढेर हुई पापुआ न्यू गिनी
Lok Sabha Elections Result 2024: जीत की बधाई, पूरी दुनिया से आई, जानें पुतिन, बाइडेन और ऋषि सुनक की बधाइयों पर नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
जीत की बधाई, पूरी दुनिया से आई, जानें पुतिन, बाइडेन और ऋषि सुनक की बधाइयों पर नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
metaverse

वीडियोज

Modi को फिर से PM बनाने के लिए आखिर इतने जरूरी क्यों हैं Chandrababu Naidu ?Nitish के मन में क्या चल रहा है, 5 साल निभा पाएंगे Modi का साथ ? । Loksabha Election NDA MeetingPublic Interest : बनने वाली नई सरकार मजबूत होगी या कमजोर ? । Loksabha Election ResultsLok Sabha Election 2024: चाचा को भतीजे का टारगेट, 'बिहार को मिलेगा स्पेशल पैकेज' ? | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Monsoon Arrival: अगले 3 दिन में महाराष्ट्र समेत इन राज्यों में मानसून की एंट्री! दिल्ली में आज तूफानी बारिश, जानें देश में कैसा रहेगा मौसम
Monsoon Arrival: अगले 3 दिन में महाराष्ट्र समेत इन राज्यों में मानसून की एंट्री! दिल्ली में आज तूफानी बारिश, जानें देश में कैसा रहेगा मौसम
Mr And Mrs Mahi Box Office Collection Day 6: ‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ की हर दिन घट रही कमाई, छठे दिन खाते में आए बस इतने करोड़
‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ की हर दिन घट रही कमाई, छठे दिन हुई बस इतनी कमाई
PNG vs UGA: युगांडा के गेंदबाज़ों ने बरपाया कहर, 77 रनों पर ढेर हुई पापुआ न्यू गिनी; 43 साल का बॉलर भी चमका
युगांडा के गेंदबाज़ों ने बरपाया कहर, 77 रनों पर ढेर हुई पापुआ न्यू गिनी
Lok Sabha Elections Result 2024: जीत की बधाई, पूरी दुनिया से आई, जानें पुतिन, बाइडेन और ऋषि सुनक की बधाइयों पर नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
जीत की बधाई, पूरी दुनिया से आई, जानें पुतिन, बाइडेन और ऋषि सुनक की बधाइयों पर नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
Turbo OTT Release Date: थिएटर्स के बाद अब इस ओटीटी पर देख सकेंगे 'टर्बो', जानें कब और कहां रिलीज होगी फिल्म
थिएटर्स के बाद अब इस ओटीटी पर देख सकेंगे 'टर्बो', जानें कब और कहां रिलीज होगी फिल्म
India Alliance Meeting: दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में एक साथ नजर आए अखिलेश-राहुल, सामने आईं तस्वीरें
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में एक साथ नजर आए अखिलेश-राहुल, सामने आईं तस्वीरें
Vastu Tips: बच्चों के कमरों से फौरन हटा दें ये चीजें, पनपती हैं गलत आदतें हो जाते हैं जिद्दी
बच्चों के कमरों से फौरन हटा दें ये चीजें, पनपती हैं गलत आदतें हो जाते हैं जिद्दी
Jobs 2024: न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ने निकाली असिस्टेंट के पदों पर भर्तियां, इस डेट से पहले करना होगा आवेदन
न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ने निकाली असिस्टेंट के पदों पर भर्तियां, इस डेट से पहले करना होगा आवेदन
Embed widget