एक्सप्लोरर

92 बरस के इस अमेरिकी अरबपति को पीएम मोदी से आखिर क्यों है इतनी नफरत?

अपनी उम्र  के 92वें साल पूरा कर चुका कोई अरबपति अमेरिका के एक सार्वजनिक मंच से जब भारत के अंदरुनी मामलों में दख़ल देने वाला कोई बयान देगा तो जरा सोचिए कि क्या उसकी आरती उतारी जाएगी? कतई नहीं, बल्कि पुरजोर तरीके से उसकी मज़म्मत की जानी चाहिए जो हमारी सरकार की तरफ से की भी गई है. हमारे देश में बहुत सारे ऐसे निजी समूह हैं जिनका कारोबार कई अरबों रुपये का है. उनमें से ही अडानी समूह भी एक है जिसके शेयरों में अचानक आई जबरदस्त गिरावट ने स्टॉक एक्सचेंज में भारी उथलपुथल मचा रखी है. लेकिन ये हमारे देश का अंदरुनी मामला है जिस पर किसी भी विदेशी व्यक्ति या उस सरकार को बयान देने का कोई हक नहीं बनता है. 

ऐसी स्थिति से कैसे निपटा जाए ये भारत की सरकार ही तय करेगी, न कि अमेरिका में बैठा अरबों डॉलर वाला कोई निवेशक. इसलिए सवाल ये उठ रहा है कि जॉर्ज सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीचा दिखाने वाला बयान आखिर क्यों दिया और इसके पीछे उनका क्या मकसद था? हंगरी में पैदा होकर अमेरिकी नागरिक बने जॉर्ज बेशक अरबों की संपत्ति के मालिक हैं लेकिन वे अक्सर विवादों में रहे हैं क्योंकि उन पर कुछ देशों की सरकारों को अस्थिर करने के लिए साजिश रचने का आरोप पहले भी लगते रहे हैं. इसलिए अमेरिका के एक सार्वजनिक मंच से दिए गए बयान को मोदी सरकार ने भी बेहद गंभीरता से लेते हुए उसी अंदाज में इसका जवाब भी दिया है.

दरअसल, बीती 16 फरवरी को म्यूनिख में हुए सुरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए सोरोस ने प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय कारोबारी गौतम अडानी के बीच संबंधों की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अडानी के स्टॉक हेरफेर और उनके ढह जाने पर भारत के पीएम मोदी चुप हैं लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों को और भारतीय संसद में जवाब देना होगा. सोरोस ने दावा किया था कि अडानी समूह में हुई उथल-पुथल भारत में लोकतांत्र के पुन: उद्धार का दरवाजा खोल सकती है. हालांकि अडानी विवाद पर सरकार की चुप्पी को लेकर हमारे विपक्षी दलों को सवाल उठाने का पूरा अधिकार है लेकिन हमारा संविधान किसी भी विदेशी कारोबारी या वहां की सरकार को इसका हक़ कतई नहीं देता है इसलिए सोरोस के इस बयान से कांग्रेस ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया है. वैसे तो जॉर्ज सोरोस पर ये आरोप भी लग चुके हैं कि उन्होंने अमेरिका, रूस और चीन में राष्ट्रवादियों के खिलाफ लड़ने के लिए करोड़ों डॉलर बहाए हैं. 

उनका अतीत एक तरफ है लेकिन उनके इस बयान पर भारत ने निंदा करने में जरा भी देर नहीं लगाई. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऐसे लोग एक नैरेटिव को आकार देने के लिए संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने सोरोस को खतरनाक करार दिया है. सरकार के एक दिग्गज मंत्री को अगर अमेरिकी कारोबारी को 'खतरनाक' बताना पड़े, तो इससे ही अंदाजा लगा सकते हैं कि उनके इस बयान का कितना जबरदस्त नकारात्मक असर होता और उससे किस हद तक उथलपुथल भी मचती. वैसे बीजेपी का आरोप है कि जॉर्ज सोरोस से जुड़े लोग कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुए थे. बीजेपी नेताओं ने 'ओपन सोसाइटी फाउंडेशन' नाम के एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) का नाम लिया है. उनका दावा है कि इस एनजीओ को जॉर्ज सोरोस की तरफ से धन मिलता है और इसके उपाध्यक्ष सलिल शेट्टी कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुए थे.

हालांकि कांग्रेस के किसी भी नेता ने जॉर्ज सोरोस के बयान का समर्थन नहीं किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के मुताबिक, सोरोस ने जो कहा उससे वो सहमत नहीं है. ये तो देश की जनता ही तय करेगी कि सरकार में कौन रहेगा और कौन बाहर होगा. पर, साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए ये भी कह दिया कि ''मुझे नहीं पता था कि मोदी सरकार इतनी कमजोर है कि 92 साल के एक अमीर विदेशी नागरिक के छिटपुट बयान से उसे गिराया जा सकता है.'' लेकिन केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने जॉर्ज सोरोस की नीयत पर सवाल उठाते हुए साफतौर पर कहा है कि वो भारत के खिलाफ लंबे समय से एजेंडा चला रहे हैं. असल में, जॉर्ज सोरोस के पूरे बयान को समझा जाए, तो उसका मतलब ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. ईरानी के मुताबिक उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का भी खुलकर विरोध किया है.

बता दें कि हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 12अगस्त, 1930 को जन्में सोरोस एक अजीबोगरीब शख्सियत हैं. वे सटोरिए भी हैं, शेयर की दुनिया के बहुत बड़े निवेशक भी हैं और कारोबारी के तौर पर तो उनकी पहचान है ही. लेकिन बताते हैं कि वो खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता कहलाना ही पसंद करते हैं और इसी से उनका अहम भी संतुष्ट होता है. पर,तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि वे पर्दे के पीछे रहते हुए कुछ देशों की हुकूमत को अपने रिमोट से चलाना चाहते हैं. उन पर दुनिया कई देशों में कारोबार और समाजसेवा की आड़ लेकर पैसे के जोर पर वहां की राजनीति में दखल देने के गंभीर आरोप लगते रहते हैं. कहते हैं कि जार्ज सोरोस ने कई देशों में चुनावों को प्रभावित करने के लिए खुलकर भारी-भरकम फंडिंग की थी. शायद यही वजह है कि यूरोप और अरब के कई देशों में सोरोस की संस्थाओं पर भारी जुर्माना लगाकर पाबंदी लगा दी गई है.

उन पर आरोप तो ये भी है कि साल 2004 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश को अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए भारी चंदा दिया था. उन्होंनेओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क (ओएसयूएन) नाम की संस्था बनाई और उस पर 100 अरब डॉलर खर्च करने का वादा किया. इसे दुनिया की सभी यूनिवर्सिटी के लोगों के लिए स्टडी और रिसर्च का प्लैटफॉर्म बताया गया. लेकिन इसके असली मकसद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोरोस ने तब कहा था कि वह दुनियाभर के तानाशाहों से निपटने के लिए इसकी स्थापना कर रहे हैं. उनके ताजा बयान पर भारत की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया दी जानी स्वाभाविक भी थी. वह इसलिए कि जार्ज सोरोस ने साल 2020 में स्विट्जरलैंड के दावोस में हुई वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) में चार बड़े नेताओं का नाम लेकर कहा था कि ये उनकी नजर में दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह हैं. तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम गिनाया था.

उन्होंने कहा था कि ये सभी लोकतंत्र का गला घोंटकर तानाशाही का बढ़ावा दे रहे हैं. पीएम मोदी को लेकर उन्होंने कहा था कि वो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं. डोनाल्ड ट्रंप को उन्होंने ठग और आत्ममुग्ध बताया था जबकि पुतिन को तानाशाह शासक कहा था. सोरोस ने कहा था कि शी जिनपिंग ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की परंपरा तोड़कर सत्ता की पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है जो तानाशाह होने का सबूत है. 

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NEET UG 2024: 'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
Ishq Vishq Rebound Screening: शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें की तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें 'इश्क विश्क रीबाउंड' स्क्रीनिंग की तस्वीरें
NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
metaverse

वीडियोज

NEET-NET Paper Leak: नेट हो या नीट..छात्रों की मांग पेपर लीक ना हो रिपीट | ABP NewsArvind Kejriwal Gets Bail: अरविंद केजरीवाल को मिली बेल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी जमानत | BreakingSuspense: Assam में फिर से बारिश से हाहाकार..दांव पर लगी 2 लाख जिंदगियां | ABP NewsHeatwave Alert: श्मशान में लाशों की कतार..कोरोना के बाद गर्मी से हो रही इतनी मौतें | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NEET UG 2024: 'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
Ishq Vishq Rebound Screening: शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें की तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें 'इश्क विश्क रीबाउंड' स्क्रीनिंग की तस्वीरें
NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
Guess Who: जहां पिता करते थे टेबल साफ...स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग, पहचाना?
जहां पिता करते थे टेबल साफ,स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग
90's की 'सोन परी' याद हैं? बच्चों क्या बड़ों में भी था इनका क्रेज, जानें आज कहां हैं और क्या कर रही?
90's की 'सोन परी' याद हैं? जानें आज कहां हैं और क्या कर रहीं?
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
Embed widget