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छत्तीसगढ़ में क्यों बेअसर है मंदी ? भूपेश बघेल सरकार में कैसे खुशहाल हो रहे हैं किसान?
ये विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल है. यहां भूपेश बघेल सरकार की प्राथमिकता में उद्योग धंधों के साथ-साथ किसान, मजदूर और वनवासी हैं. दलित और पिछड़े हैं. इसी प्राथमिकता के तहत छत्तीसगढ़ की सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में कई ठोस फैसले लिए हैं. किसानों का कर्ज माफ कर दिया है. उनके बंद पड़े खातों का वन टाइम सेटलमेंट किया है. तेंदूपत्ते के खरीद मूल्य में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी की है. और इनके अलावा धान की फसल पर प्रति क्विंटल 750 रुपये का प्रीमियम दिया जा रहा है. इसकी वजह से यहां धान का समर्थन मूल्य देश में सबसे अधिक 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. वर्ष 2018-19 में सरकार ने इस योजना के तहत किसानों को करीब 20 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है. ये 20 हजार करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ के किसानों की जेब में गए हैं और इसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है. उन्होंने अपनी अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए ये पैसे स्थानीय बाजार में खर्च किए हैं. इसकी वजह से मंदी के इस दौर में भी छत्तीसगढ़ के स्थानीय बाजारों में रौनक बनी हुई है. उदाहरण के तौर पर जहां देश का ऑटो सेक्टर भयंकर मंदी से गुजर रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ में जनवरी से सितंबर 2019 के बीच ऑटोमोबाइल सेक्टर में 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. प्रदेश में बेरोजगारी दर में भारी गिरावट आई है. ये सिर्फ एक-दो उदाहरण हैं. किसानों की बेहतरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का व्यापक सकारात्मक असर हुआ है. भूपेश बघेल की अगुवाई में छत्तीसगढ़ विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
(डिस्क्लेमर- ये ABPLive Brand Studio की प्रस्तुति है. कार्यक्रम में बताई गयी जानकारियाँ, विचार और अनुभव कार्यक्रम में शामिल लोगों के निजी विचार हैं, इससे एबीपी न्यूज़ नेट्वर्क का कोई लेना देना नहीं है.)
(डिस्क्लेमर- ये ABPLive Brand Studio की प्रस्तुति है. कार्यक्रम में बताई गयी जानकारियाँ, विचार और अनुभव कार्यक्रम में शामिल लोगों के निजी विचार हैं, इससे एबीपी न्यूज़ नेट्वर्क का कोई लेना देना नहीं है.)
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