BH नंबर लेना ज्यादा सस्ता या कार का नॉर्मल रजिस्ट्रेशन कराना, दोनों की फीस में कितना अंतर?
BH Number Registration: क्या BH नंबर वाली गाड़ी की रजिस्ट्रेशन फीस नॉर्मल नंबर प्लेट वाली गाड़ी की रजिस्ट्रेशन फीस से ज्यादा होती है. चलिए आपको बताते हैं.

BH Number Registration: आपने सड़कों पर चलने वाली बहुत सारी गाड़ियों के नंबर प्लेट नोटिस किए होंगे. गाड़ियों की नंबर प्लेट की शुरुआत उन डिजिट से होती है. जिस राज्य में वह गाड़ी रजिस्टर्ड होती है. जैसे अगर कोई गाड़ी मध्य प्रदेश में रजिस्टर्ड है तो उसके शुरुआती डिजिटल एमपी होंगे, अगर वहीं कोई उत्तराखंड में रजिस्टर्ड करवाई गई है तो उसकी शुरूआत यूके से होगी. इसी तरह जिस राज्य से भी गाड़ी रजिस्टर्ड होती है उसके पहले दो डिजिट्स आपको उसके नंबर प्लेट पर नजर आते हैं.
पिछले कुछ समय से आपको सड़कों BH नंबर वाली गाड़िया खूब देखी होंगी. BH नंबर वाली गाड़िया पूरे भारत में कहीं भी ले जा सकते हैं आप. इसके लिए आप एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने पर अलग- अलग से रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना होगा. क्या BH नंबर वाली गाड़ी की रजिस्ट्रेशन फीस नॉर्मल नंबर प्लेट वाली गाड़ी की रजिस्ट्रेशन फीस से ज्यादा होती है. चलिए आपको बताते हैं.
BH नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन की फीस अलग?
नॉर्मल नंबर प्लेट की गाड़ी किसी एक राज्य में रजिस्टर्ड होती है. और जब आप उस गाड़ी को दूसरे राज्य में लेकर जाते हैं. यानी मान लीजिए आप दिल्ली में रहते हैं और दिल्ली में रजिस्टर्ड अपनी गाड़ी को लेकर उत्तर प्रदेश शिफ्ट हो रहे हैं. तो आपको उसका यूपी में फिर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. लेकिन वहीं अगर आप BH नंबर वाली गाड़ी इस्तेमाल करते हैं. तो फिर आपको एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए दोबारा स्टेशन नहीं करवाना होगा.
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लोग सोचते हैं कि क्या BH नंबर प्लेट के लिए एक्स्ट्रा फीस लगेगी तो बता दें ऐसा नहीं है. लेकिन नॉर्मल नंबर प्लेट और BH नंबर प्लेट के रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में थोड़ा फर्क होता है. भी नंबर प्लेट पर रोड टैक्स हर 2 साल के लिए लिया जाता है जिसमें अगर आपकी गाड़ी 10 लाख रुपये तक की है और पेट्रोल इंजन है, तो 8% देना होता है. वहीं सामान्य तौर पर जिस गाड़ी की कीमत 10 लाख से 20 लाख तक है तो 10% देना होता है. अगर गाड़ी कीमत 20 लाख से ज्यादा है तो आपको 12% टैक्स देना होता है. डीजल कारों पर 2% एक्स्ट्रा टैक्स देना होता है. तो वही इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2% कम.
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BH नंबर प्लेट और नार्मल नंबर प्लेट में फीस का फर्क
वहीं अगर नार्मल नंबर प्लेट की बात करें तो जहां BH नंबर प्लेट पर रोड टैक्स हर दो साल के लिए फिक्स फार्मूले पर लिया जाता है लिया जाता है. तो वहीं नॉर्मल नंबर प्लेट की गाड़ियों के लिए आपको रोड टैक्स एडवांस में 15 साल के लिए देना होता है. इसमें आपको 10% से 15% तक रोड टैक्स चुकाना होता है. इस हिसाब से BH नंबर के मुकाबले इसमें आपको ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं. लेकिन इसमें आपको एक बार टैक्स चुकाने के बाद 15 साल तक फिक्र नहीं करनी होती. वहीं BH नंबर के लिए आपको हर दो साल बाद टैक्स चुकाना होता है.
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