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Urdu Poetry में गज़ल-नज्म़ में क्या फर्क है, क्या होता है मकता, मतला, शेर, रदीफ-काफिया|
ऊर्दू शायरी का इतिहास बेहद पुराना है. हम गज़लें भी सुनते हैं और नज़्में भी. लेकिन फर्क नहीं कर पाते. हम शेर पढ़ते हैं, सुनते हैं. गज़लें सुनते हैं, पढ़ते हैं. लेकिन वो बनती कैसे हैं, उनका इतिहास क्या है, भारत में वो पहुंची कैसे. किसने लिखी पहली गज़ल. किसने कहा पहला शेर, क्या है गज़ल औऱ नज्म में काफिए का फर्क. इस पूरी जानकारी के साथ एक किताब आई है, जिसका नाम है Humsafar The World of Urdu Poetry. इसे लिखा है हितेश गुप्ता आदिल ने और इसे प्रकाशित किया है फिंगरप्रिंट ने. इस किताब पर हितेश गुप्ता आदिल के साथ बात की है अविनाश राय ने. देखिए पूरा वीडियो.
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