वो विदेशी फिल्म जिसने J&K को आतंकवाद में झोंक दिया!
इतिहास गवाह है कि भारत में विलय के साथ ही जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की जो आग जलनी शुरू हुई तो उसे आज तक बुझाया नहीं जा सका है. समय-समय पर इस आग पर पानी भी पड़ता है, लेकिन अंदर-अंदर ही वो आग सुलगती रहती है ...अचानक से एक शोला उठता है और पूरे कश्मीर में फिर से धधकने लगता है. लेकिन क्या कोई फिल्म भी इतना प्रभाव डाल सकती है कि कुछ वक्त तक शांत रहा जम्मू-कश्मीर एक फिल्म की वजह से सुलग उठे. क्या किसी विदेशी फिल्म का इतना भी प्रभाव हो सकता है कि वो जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित कर सके. इसका जवाब हां में है. एक फिल्म है, जो भारत में रिलीज नहीं हो रही थी. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के फैसले के बाद फिल्म रिलीज हुई और उसकी वजह से आतंकवाद ने जो सिर उठाया, तो उसे अब तक नहीं कुचला जा सका है.


























