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कोरोना से पहले फैला था प्लेग, फैक्ट्रियां छोड़कर भाग गए थे करोड़ों मजदूर! | ABP Uncut
कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूर पलायन कर रहे हैं. बड़े-बड़े शहरों की फैक्ट्रियों में काम करने वाले ये मजदूर काम बंद होने की वजह से अपने घरों को लौटने को मजबूर हैं. मजदूरों के सामने कुछ ऐसी ही मजबूरी 1896-97 में सामने आई थी. तब अब के मुंबई और तब के बॉम्बे में प्लेग महामारी फैली थी. उस वक्त भी करोड़ों मजदूर बॉम्बे छोड़कर भाग गए थे. उन्हें रोकने के लिए मिल मालिकों ने हर रोज पैसे देने शुरू किए, बोनस देना शुरू किया, लेकिन मज़दूर नहीं रुके. तब जमशेदजी टाटा ने सुझाव दिया था कि उत्तर भारत से मजदूरों को लाया जाए ताकि वो फैक्ट्री छोड़कर भाग न सकें. उसी के बाद से महाराष्ट्र में भी उत्तर भारतीय मजदूर काम की तलाश में जाने लगे थे.
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