चुनाव बाद सीएम कौन...कब तक मौन?
जिंदगी में उम्मीद और कभी हार न मानने का हौसला देने वाली ये पंक्तियां राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की हैं। आज हम उनकी जन्मभूमि पर मौजूद हैं। नमस्कार मैं हूं चित्रा त्रिपाठी और कौन बनेगा मुख्यमंत्री का कारवां आज पहुंच चुका है बेगूसराय। कहा जाता है कि जिले का नाम बेगम और सराय को मिलकर बना है क्योंकि कभी भागलपुर की बेगम तीर्थयात्रा के लिए सिमरियाघाट आती थीं, कभी पूरब के लेनिनग्राद से मशहूर बेगूसराय गंगा नदी के किनारे है। बिहार में अगर उद्योग के लिहाज से देखें तो बेगूसराय बाकी जगहों की तुलना में यादा विकसित है, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की रिफाइनरी, थर्मल पावर स्टेशन,सुधा डेयरी यहां के प्रमुख उद्योग हैं। बेगूसराय में पहले वामपंथियों का बोलबाला हुआ करता था, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पिछले दो बार से यहां से सांसद हैं। बेगूसराय में विधानसभा की 7 सीटें हैं, इनमें से तीन पर एनडीए और चार पर महागठबंधन का कब्जा है। राजनीति के मैदान में आज की हलचल ये है कि पहले दौर के चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है। चुनाव प्रचार में आज गृह मंत्री अमित शाह की एंट्री हुई है। छपरा की रैली में अमित शाह ने आरजेडी के खिलाफ ने बिहार में एनडीए सरकार के काम गिनाए और महागठबंधन पर जोरदार हमले किया। अमित शाह ने कहा कि हमारी लड़ाई लालू-राबड़ी के जंगलराज के खिलाफ है , इस बार के चुनाव में लालू - राहुल कंपनी का सफाया हो जाएगा और एतिहासिक बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी, बिहार के चुनाव में एक बड़ा सवाल ये भी है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये सवाल इसलिए है क्योंकि एनडीए और महागठबंधन दोनों तरफ से अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे का औपचारिक एलान नहीं किया गया है।





































