बिहार चुनाव की घड़ी...वादों की झड़ी
कौन बनेगा मुख्यमंत्री का कारवां पहुंच चुका है नालंदा जिले के मुख्यालय बिहारशरीफ में। ये वही नालंदा है जिसका पर्यटन के हिसाब से काफी महत्व है। ये यूनेस्को का धरोहर स्थल है। पांचवीं से बारहवीं शताब्दी तक ये पूरी दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र रहा। नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी यहां है। नालंदा में सरकार ने नया अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भी बनाया है। जिन्होंने दुनिया को शून्य के बारे में सबसे पहले बताया वो आर्यभट्ट नालंदा विश्वविद्यालय के प्रमुख थे ।नालंदा बिहार के उन जगहों में से एक है जहां पर्यटन के विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। राजनीति के लिहाज से नालंदा सबसे महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घर इसी जिले में है। यहां से करीब पच्चीस किलोमीटर कल्याण बिगहा में नीतीश कुमार का घर है। नीतीश कुमार यहां से सांसद भी रह चुके हैं। नालंदा के राजनीतिक समीकरण की बात करें तो एकमात्र लोकसभा सीट पर जेडीयू का कब्जा है। नालंदा में विधानसभा की 7 सीटें हैं, 6 सीटों पर एनडीए और एक पर महागठबंधन का विधायक है। सबसे ज्यादा कुर्मी वोटर नालंदा में ही हैं, इनकी आबादी करीब 24 फीसद है। राजनीति के मैदान की आज की सबसे बड़ी हलचल ये है कि महागठबंधन का आज घोषणा पत्र जारी होने वाला है। वैसे तो चुनाव के एलान के साथ ही एनडीए और महागठबंधन की ओर से वादों की झड़ी लग गई थी। तेजस्वी यादव ने हर घर नौकरी समेत कई वादे पहले ही कर दिए आज नजर इस बात पर है कि क्या क्या नए वादे महागठबंधन की ओर से घोषणापत्र में जोड़े जा रहे है।





































