Bihar Election 2025: पूर्णिया में किसकी हवा? जनता ने बता दिया!
कौन बनेगा मुख्यमंत्री का कारवां अभी बिहार के सीमांचल में हैं, आज हम पूर्णिया में हैं। पटना से करीब 300 किलोमीटर दूर पूर्णिया 1770 में ही जिला बन गया था। मान्यता है कि काली का रूप मानी जाने वाली माता पुराण के नाम पर पूर्णिया का नाम पड़ा। पूर्णिया की सीमा बंगाल से सटी हुई है। कोसी, महानंदा नदी भी यहां से गुजरती है। महाभारतकाल में भी पूर्णिया का जिक्र है। कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां भी पहुंचे थे और यहीं के विराटनगर में कुछ वक्त बिताया था। सामरिक रूप से पूर्णिया का महत्व है इसलिए यहां वायुसेना और थल सेना की भी मौजूदगी है। राजनीतिक समीकरण की बात करें तो पप्पू यादव यहां से निर्दलीय सांसद चुने गए थे। जिले में विधानसभा की 7 सीटें हैं, 4 पर एनडीए, एक पर कांग्रेस और दो सीट पर AIMIM का कब्जा है।





































