AMU के मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर छिड़ा विवाद, पढ़ें पूरा मामला
एएमयू के मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा की जा रही प्राइवेट प्रैक्टिस पर विवाद खड़ा हो गया है। इसको लेकर AMU रजिस्ट्रार ने एक नोटिस जारी किया है, जिसमें ऐसे पर कार्रवाई करने की मांग की गई है। साथ ही, उन अस्पतालों पर भी एक्शन लेने की बात कही गई है, जो एएमयू के डॉक्टर्स को बुलाते हैं। इसी बात पर विवाद खड़ा हो गया है।

अलीगढ़, एबीपी गंगा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन के एक नोटिस से नया विवाद शुरू हुआ है। मामला एएमयू के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से जुड़ा हुआ है। AMU रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद द्वारा जारी इस नोटिस में कहा गया है कि AMU मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ड्यूटी ऑवर में निजी अस्पतालों में जाकर मरीजों को देखते है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके नाम कार्रवाई के लिए भेजें।
आखिर क्यों हुआ नोटिस पर बवाल
नोटिस में यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन इस नोटिस में लिखी एक बात ने विवाद को जन्म दे दिया। दरअसल, नोटिस में लिखा है कि AMU ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर कराएगा, जो AMU के डॉक्टरों की अवैध रूप से सेवा ले रहे हैं। इस पर निजी अस्पताल के डॉक्टर नाराज हो गए हैं। उनका कहना है कि ये आर्डर अपने आप में मजाकिया है। उनको क्या अधिकार है कि वो निजी अस्पतालों के खिलाफ एक्शन ले सके। प्राइवेट अस्पताल वैसे भी AMU के डॉक्टरों को बुलाते ही नहीं है। AMU को खुद अपने डॉक्टरों पर लगाम लगाए । IMA इसका खंडन करती है।
दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन को जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के बारे में कई शिकायतें मिल रहीं थी कि वो मेडिकल से गायब होकर प्राइवेट अस्पतालों में जाकर मरीज देखते हैं। इसके बाद वाइस चांसलर के निर्देश पर रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने अपने सभी डॉक्टरों के लिए नोटिस निकाला। उसमें कहा गया है कि डॉक्टर किसी भी तरह की प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं, तो कार्रवाई होगी। साथ ही, उसमें उन निजी अस्पतालों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की भी बात कही है, जो मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को अपने यहां बुलाते हैं।
AMU के पीआरओ का बयान
AMU के पीआरओ उमर पीरजादा ने बताया कि AMU से जुड़े कोई भी डॉक्टर सर्विस रूल हिसाब से निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते। अगर उसका उल्लंघन होता है तो कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी।
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना
एएमयू प्रशासन के इस फैसले पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि कुछ डॉक्टर ऐसे हैं, जो प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। उनको प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करनी चाहिए। वहीं, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का मानना है कि ये स्टेटमेंट मजाकिया है। पहले उनको उन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
निजी चिकित्सकों में नाराजगी
एएमयू के इस नोटिस के बाद निजी चिकित्सकों में इसको लेकर नाराजगी है। IMA के मीडिया प्रभारी एवं बंसल नर्सिंग होम के मालिक डॉ. प्रदीप बंसल का कहना है कि जो AMU प्रशासन ने नोटिस जारी किया है कि उनके डॉक्टर अगर निजी अस्पतालों में जाते हैं तो निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उनको क्या अधिकार है कि वो निजी अस्पतालों के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं। पहली बात तो हम उनको बुलाते ही नहीं हैं। क्योंकि अगर कोई घटना हुई, तो उनका नाम कहीं दे ही नहीं सकते। हम बाहर से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाते हैं। उनका ये नोटिस मजाकिया है। उनको अपने डॉक्टरों पर लगाम लगानी चाहिए। IMA इसका खंडन करती है।
Source: IOCL





















