जयंत चौधरी की आरएलडी पारिवारिक पार्टी है या नहीं? बीजेपी के फॉर्मूले से समझें
बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर जयंत चौधरी ने कहा कि मैं किस मुंह से इनकार करूं. जयंत चौधरी पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.
Chaudhary Charan Singh Bharat Ratna: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री और दिवंगत किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का फैसला लिया है. पीएम मोदी ने चरण सिंह का गुनगान करते हुए कहा कि किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.
पीएम मोदी के इस ऐलान पर चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत संभाल रहे उनके पोते जयंत चौधरी ने खुशी जताई. राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष ने पीएम मोदी के एक्स पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, ''दिल जीत लिया.''
एनडीए में शामिल होंगे जयंत चौधरी
पीएम मोदी की घोषणा और जयंत चौधरी के रिएक्शन के बाद साफ है कि जल्द ही आरएलडी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होगी, जिसको लेकर कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी. गठबंधन शर्तों के तहत आरएलडी दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, वहीं एक राज्यसभा की सीटें भी मिल सकती है.
फिलहाल आरएलडी विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा है. समाजवादी पार्टी ने आरएलडी को सात सीटें देने का फैसला लिया है. दरअसल, आरएलडी की पकड़ पश्चिम उत्तर प्रदेश में रही है और बीजेपी हो या विपक्षी गुट दोनों ही उसे अपने पाले में रखना चाहती है.
सीएम और पीएम बने चौधरी चरण सिंह
किसान परिवार में जन्में चौधरी चरण सिंह कांग्रेस से राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी. वे सबसे पहले 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और 1951 में कैबिनेट मंत्री बने. इसके बाद वो मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. उन्होंने 1967 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और एक साल बाद भारतीय क्रांति दल का गठन किया. इसके बाद 1979 में प्रधानमंत्री बने, हालांकि वे ज्यादा दिन तक कुर्सी पर नहीं रह सके.
अजित सिंह के बाद जयंत चौधरी ने संभाली कमान
चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत को उनके बेटे चौधरी अजित सिंह ने संभाली. 1986 में वो राज्यसभा के लिए चुने गए और फिर 1989 में पहली बार बागपत से लोकसभा सांसद बने. इसके बाद वो लगातार सांसद बनते रहे. उन्हें 2014 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. उनका 2021 में निधन हो गया. अब उनके बेटे जयंत चौधरी राजनीतिक विरासत को बढ़ा रहे हैं.
परिवारवाद को लेकर उठे सवाल
जयंत चौधरी को परिवारवाद को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता रहा है. बीजेपी परिवारवाद के मसले पर घेरती रही है. पीएम मोदी ने भी हाल ही में लोकसभा में परिवारवाद को लेकर विपक्षी नेताओं को घेरा. पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा कि जो पार्टी एक परिवार चलाता है, परिवार के लोगों को प्राथमिकता देती है, सारे निर्णय परिवार के लोग लेते हैं, वो परिवारवाद है. न राजनाथ सिंह की और न ही अमित शाह की कोई राजनीतिक पार्टी है.
पीएम मोदी ने कहा, ''एक परिवार के 10 लोग राजनीति में आएं कोई बुरी बात नहीं है, हम चाहते हैं कि युवा लोग राजनीति में आएं. देश के लोकतंत्र के लिए पारिवारवादी राजनीति चिंता का विषय होना चाहिए. परिवार के लोग अगर प्रगति करते हैं तो मैं स्वागत करूंगा. नई पीढ़ी के लोग आएं तो उनका स्वागत है.''