'प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना' पर हरीश रावत ने उठाए सवाल, विरोध में कल करेंगे मौन उपवास
Smart Meter Scheme in Uttarakhand: हालिया दिनों धामी सरकार ने उत्तराखंड में बिजली के लिए 'प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना' शुरू करने का ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले पर हरीश रावत ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
Uttarakhand News Today: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता हरीश रावत ने प्रदेश के धामी सरकार पर जुबानी हमला बोला. उन्होंने राज्य सरकार की 'प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना' की आलोचना की है. हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि सरकार जनता को लूटने की साजिश कर रही है.
हरीश रावत ने 'प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना' पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस योजना से बिजली के बिल में भारी वृद्धि होगी. हरीश रावत ने इस निर्णय के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करते हुए मंगलवार (21 अक्टूबर 2024) को एक घंटे का मौन उपवास रखने की घोषणा की है.
'ढाई गुना बढ़ जाएगा बिजली बिल'
कांग्रेस के सीनियर नेता हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट और प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सरकार की नीतियों पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही नदी, गाड़-गधेरों के बालू, बजरी और पत्थर को निजी कंपनियों के हवाले कर चुकी है, इसकी वजह से इन सामग्रियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है.
हरीश रावत ने कहा कि अब सरकार बिजली वितरण को भी निजी कंपनियों के नियंत्रण में देने की तैयारी कर रही है और इसके लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना लागू की जा रही है. उन्होंने कहा, "इस योजना के तहत पुराने मीटरों को हटाकर नए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिससे बिजली बिलों में भारी वृद्धि होगी."
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, "पहले लोगों को दो महीने का बिजली बिल मिलता था, लेकिन अब एक महीने में ही बिजली का बिल आ रहा है. इससे जनता पहले ही लुट रही है और अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नाम पर यह बिल और ढाई गुना बढ़ जाएगा."
हरीश रावत ने लगाए ये आरोप
हरीश रावत ने स्पष्ट किया कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने से राज्य की आम जनता, विशेषकर मध्यम और निम्न वर्ग पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह योजना सरकार की तरफ से जनता को लूटने की एक और चाल है. रावत ने जनता से इस योजना के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया है और कहा कि लोग आगे आएं और इस निर्णय का विरोध करें.
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "सरकार अपने लाभ के लिए बिजली वितरण जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को निजी कंपनियों के हाथों में सौंप रही है, जिससे राज्य के नागरिकों को महंगी बिजली मिल रही है." उन्होंने सरकार की नीतियों को गरीब-विरोधी करार देते हुए कहा कि इस तरह की योजनाएं राज्य की आम जनता के हितों के खिलाफ हैं.
मौन उपवास का ऐलान
हरीश रावत ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताने के लिए मंगलवार (21 अक्टूबर 2024) को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक एक घंटे का मौन उपवास रखने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, "मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि इस सरकार को सद्बुद्धि दे और जनता को लूटने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह बंद हो."
रावत ने जनता से भी इस मौन उपवास में शामिल होने और सरकार की इस नीति के खिलाफ एकजुट होकर विरोध जताने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जनता को लूटने की इस साजिश के खिलाफ खड़ा होना जरूरी है, ताकि सरकार को यह महसूस हो कि उसकी नीतियों के खिलाफ जनता में असंतोष बढ़ रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक हरीश रावत के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना को लेकर सरकार का दावा है कि इस कदम से बिजली की खपत को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
धामी सरकार का दावा है कि यह फैसला बिजली वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए किया जा रहा है. सरकार का मानना है कि इससे बिजली चोरी पर रोक लगेगी और उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक उपभोग के अनुसार बिजली बिल चुकाना होगा.
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