गोंडा में दिल दहला देने वाली लापरवाही! अवैध नर्सिंग होम में दो नवजातों की मौत, सीएमओ ने कराया सील
Gonda News: मृतक नवजातों में से एक के परिजन मोहित कुमार ने आरोप लगाया कि जिला महिला अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने उनके बच्चे को अपने निजी अवैध अस्पताल में भर्ती कराया था.

यूपी के गोंडा में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक नर्सिंग होम में डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही से दो नवजात शिशुओं की मौत से कोहराम मच गया. हैरानी इस बात की थी कि ये नर्सिंग होम बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था. फ़िलहाल शिकायत के बाद नर्सिंग होम को सील कर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.
मामला नगर कोतवाली क्षेत्र में बहराइच रोड पर स्थित एसबीएस नर्सिंग होम का है. जो बिना रजिस्ट्रेशन के NICU संचालित कर रहा था.
परिजनों का आरोप, डॉक्टर और स्टाफ फरार
मृतक नवजातों में से एक के परिजन मोहित कुमार ने आरोप लगाया कि जिला महिला अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने उनके बच्चे को अपने निजी अवैध अस्पताल में भर्ती कराया था. बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव सौंपने से इनकार कर दिया, जिससे आक्रोशित परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना पर डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ मौके से फरार हो गए. परिजनों ने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंपा.
डिप्टी सीएमओ ने की कार्रवाई, नर्सिंग होम सील
घटना की जानकारी मिलते ही डिप्टी सीएमओ मौके पर पहुंचे और अवैध नर्सिंग होम को सील कर दिया. सीएमओ रश्मि वर्मा ने बताया कि बहराइच रोड पर भाजपा कार्यालय के पास स्थित इस फर्जी नर्सिंग होम में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. जांच में पाया गया कि एक नवजात की मृत्यु के बाद उसका शव परिजन बाहर ला रहे थे, जबकि दूसरा नवजात मृत अवस्था में अंदर पाया गया, जिसका प्रसव कटरा बाजार सीएससी में हुआ था. मौके पर पुलिस की मौजूदगी में नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
परिजनों ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार
न्याय की मांग को लेकर पीड़ित मोहित कुमार ने शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर डीएम को प्रार्थना पत्र सौंपा. उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपनी पीड़ा साझा करते हुए स्वास्थ्य विभाग और अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवाल
यह घटना गोंडा में अवैध नर्सिंग होम्स के संचालन और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में कमी को उजागर करती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे फर्जी अस्पताल बिना किसी डर के संचालित हो रहे हैं, जो आम जनता के लिए खतरा बन रहे हैं.
मामले की जांच शुरू
सीएमओ ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में वैधानिक कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मामले की जांच में जुटी हैं.
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Source: IOCL























