अलीगढ़: पोखर के सौंदर्यीकरण में निकली लाखों मिट्टी JE ठेकेदार ने बेची, निगम बैठक में विपक्ष ने की जांच की मांग
Aligarh Corruption Case: अलीगढ़ को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल करने के बाद कई अधिकारी अवैध रुप से मोटी कमाई कर रहे हैं. इसका उदाहरण एक पोखर के सौंदर्यीकरण में भी देखने को मिल रहा है.

Aligarh News Today: अलीगढ़ में स्मार्ट सिटी योजना के तहत नगर निगम के जरिये कई महत्वपूर्ण विकास कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन इन कार्यों में कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की खबरें सामने आ रही हैं. आम लोगों की सुविधाओं के मद्देनजर बनाई जा रही है स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों की आड़ में कई अधिकारी अवैध तरीके से मोटी कमाई कर रहे हैं.
इस तरह के कथित भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण पोखर के सौंदर्यीकरण के कार्य में देखा जा सकता है. नगर निगम ने पोखर के सौंदर्यीकरण को लेकर बड़ी पहल की थी, लेकिन इस परियोजना में अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर लाखों रुपये की मिट्टी अवैध तरीके से बेच कर मोटी कमाई की.
इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब यह मुद्दा बोर्ड की बैठक में उठा. जिसके बाद हंगामा मच गया. बैठक में सभी सदस्यों ने मिट्टी की खरीद-फरोख्त की जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की. इस मामले ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत हो रहे कार्यों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.
क्या है मामला?
दरअसल, अलीगढ़ के जिस पोखर को शहर के धन्नासेठों से मुक्त कराने के लिए नगर निगम के अफसरों को ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था. उसी पोखर की खुदाई से निकली लाखों रुपये की मिट्टी जेई और ठेकेदार के जरिये बेच दी गई.
गौरतलब है कि तत्कालीन नगर आयुक्त सत्य प्रकाश पटेल ने बड़ी मुश्किल से अलीगढ़ के धन्नासेठों के अवैध कब्जे से शक्ति नगर पोखर को मुक्त कराया था. इस मामले में सभी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. तब से वह पोखर जलसंचयन का कार्य कर रही थी.
बेच दी गई लाखों की मिट्टी
इसी बीच शासन ने पोखरों के आधुनिकीकरण की योजना बनाई, तो नगर निगम ने गुलर रोड और शक्ति नगर के पोखर को इस प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया था. इसके बाद शक्ति नगर पोखर की कई फिट तक खुदाई की गई. इस खुदाई में कई ट्राली मिट्टी निकली. इस कीमती मिट्टी को रातों रात गायब करने के लिए ट्रैक्टर और ट्रॉली लगा दिए गए.
लगभग बीस दिन से यह धंधा चल रहा था और सैकड़ों ट्रॉली मिट्टी बेच दी गई. इसकी खबर जैसे ही विपक्ष को हुई तो हंगामा खड़ा हो गया. निगम बोर्ड की बैठक में विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया गया. खबर है कि एक माननीय की भूमि पर भी यहां से मिट्टी डाली गई थी, जिसकी कीमत लाखों में बताई जा रही है.
खुदाई में भी बरती अनियमितता
शक्ति नगर पोखर की खुदाई में भी विभाग के जरिये कथित पक्षपात किया गया है. पोखर का एक हिस्सा छोड़ दिया गया है, जो ऊंचे टीले की तरह नजर आ रहा है. जबकि प्राकृतिक पोखर से छेड़छाड़ या उसका भराव भी अपराध की श्रेणी में आता है, जो निगम अफसरों की देखरेख में खुलेआम हो रहा है.
सहायक नगर आयुक्त ने दी सफाई
इस संबंध में सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह ने बताया कि पोखर की मिट्टी को लेकर जांच शुरू कर दी गई है. जल्द ही कार्रवाई भी होगी. उन्होंने बताया कि पोखर का कोई भी हिस्सा नहीं छोड़ा जाएगा, अगर ऐसा कुछ है तो हम खुद जाकर देखेंगे और खुदाई कार्य कराएंगे.
ये भी पढ़ें: कानपुर में फिल्म निर्माता की फैक्ट्री पर भू-माफियाओं की नजर, पुलिस ने 12 लोगों पर दर्ज किया केस
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















