मान सरकार के सहयोग से तकनीक में दक्ष बन रही पंजाब की युवा पीढ़ी
मुख्यमंत्री मान "रंगला पंजाब" के निर्माण के लिए प्रयासरत हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे के लिए नीतियां लागू की जा रही हैं. तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब की जनता से 'रंगला पंजाब' का जो वादा किया उसे पूरा करने के लिए तत्परता से कार्य कर रहे हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, महिला सशक्तिकरण, निवेश, उद्योग सहित हर सेक्टर के लिए जनहितकारी नीतियां बनाकर उन्हें जमीन पर उतारा जा रहा है. ये नीतियां आने वाले समय में शिक्षित, समृद्ध और खुशहाल पंजाब की गौरवशाली कहानी लिखेंगी.
तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा
तकनीकी शिक्षा आज के समय की बड़ी जरूरत है. मान सरकार यह समझती है कि पंजाब के युवाओं को रोजगार, नौकरी के लिए योग्य बनाना है, तो उन्हें तकनीकी रूप से दक्षता हासिल करने के अवसर देने होंगे.
पंजाब के विकास के लिए भी टेक्नोलॉजी बेहद महत्वपूर्ण है. विकास कार्यों में तकनीक उत्प्रेरक की तरह उपयोगी है. मान सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि पंजाब के हर युवा को तकनीकी शिक्षा के ऐसे अवसर मिल सकें, जो उद्योग जगत की मांग और विशिष्टता के अनुरूप हों.
मान सरकार के शानदार काम
पंजाब के युवाओं के लिए तकनीकी शिक्षा के महत्व को समझते हुए मान सरकार ने राज्य में लड़कियों के लिए पांच सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेजों को सह-शिक्षा संस्थान में परिवर्तित किया है. इसके परिणामस्वरूप इन कॉलेजों में दाखिले में वृद्धि हुई है. पंजाब में शिक्षा के साथ ट्रेनिंग के भी अवसर मिल रहे हैं.
प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली के तहत राज्य में 180 एमओयू चल रहे हैं. इनसे 2,760 से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण मिला है. इसके साथ ही मांग के अनुसार पॉलीटेक्निक कॉलेजों में अतिरिक्त कोर्स शुरू किए जा रहे हैं.
तकनीकी शिक्षा से संबंधित कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकें, इसके लिए मान सरकार ने वर्ष 2024-25 में 525 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.
विश्वविद्यालयों को सहायता
पंजाब में कई विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र के रूप में स्थापित हैं. उच्च शिक्षा के महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर इन विश्वविद्यालयों और उनसे जुड़े कॉलेजों को आर्थिक सहायता दे रही है.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय, जीएडीवएएसयू, श्री गुरु तेग बहादुर स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ सहित अन्य विश्वविद्यालयों के संचालन के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 1,425 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.
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