BJP नेता रणजीत सिंह गिल की बढ़ी मुश्किलें, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मारी रेड
Punjab News: बिक्रम मजीठिया केस में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने उनके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की है. ये मामला ड्रग मनी से जुड़े लेन-देन का है जिसमें अब रणजीत गिल के घर पर भी रेड पड़ी है.

पंजाब में ड्रग केस से जुड़े बिक्रम सिंह मजीठिया मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है. जांच में मिले सबूतों के आधार पर मजीठिया के करीबी सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. 25 जून की रेड के बाद बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार कर लिया गया था और वे अब भी न्यायिक हिरासत में हैं.
मोहाली में पूर्व अकाली नेता रणजीत सिंह गिल के रियल एस्टेट ठिकानों पर भी रेड डाली गई है. वही रणजीत सिंह गिल जो शिरोमणि अकाली दल के नेता रह चुके हैं और कल (1 अगस्त) ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है.
किसके यहां हुई छापेमारी?
ताजा छापेमारी बिक्रम सिंह मजीठिया के कई सहयोगियों के घर पर की जा रही है. मोहाली में पूर्व अकाली नेता रणजीत गिल के घर और कार्यालयों पर विजिलेंस की रेड जारी है. बता दें कि मजीठिया और गिल के बीच फंड ट्रांजेक्शन के लिंक जांच में सामने आए थे. विजिलेंस को शक है कि इन लेन-देन में ड्रग मनी का उपयोग हुआ होगा.
VIDEO | Chandigarh: Vigilance officials conduct raid at the residence of Ranjit Singh Gill.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 2, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/BIYlmP147A
रणजीत सिंह गिल हाल ही में खारड़ क्षेत्र से सक्रिय रियल एस्टेट कारोबारी रहे हैं और अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया था. माना जा रहा है कि उनके और बिक्रम मजीठिया के बीच हुए आर्थिक लेन-देन को लेकर ही यह कार्रवाई की जा रही है.
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
25 जुलाई को अमृतसर स्थित मजीठिया के घर पर छापा पड़ा था. वो भी बिना वारंट. वहीं बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी ने विरोध किया था और चंडीगढ़ एसएसपी और विधानसभा स्पीकर के पास शिकायत भी की थी.
बिक्रम मजीठिया की पत्नी ने विजिलेंस की इस कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार ने उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया है. "रेड के समय उनके पास कोई वारंट नहीं था, न ही कोई अनुमति. हमने कोर्ट में अर्जी दी है कि सुनवाई के दौरान मीडिया को आने दिया जाए क्योंकि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है," ऐसा उन्होंने अपने बयान में कहा था.
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Source: IOCL






















