Punjab News: किसान आंदोलन पंजाब में स्कूल की किताबों का हिस्सा बना, चौथी क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाएगा
Farmer Protest: किसान आंदोलन पंजाब में स्कूल की किताबों का हिस्सा बन गया है. चौथी क्लास की किताब 'मोह दिया तंदा' में किसान आंदोलन के चैप्टर को जगह दी गई है.

Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर एक साल से ज्यादा लंबे समय तक चले किसान आंदोलन ने मोदी सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया था. किसान आंदोलन की शुरुआत पंजाब से हुई थी और उसके बाद यह हरियाणा और यूपी तक पहुंच गया था. किसान आंदोलन के साथ पंजाब के लोगों का बेहद भावनात्मक जुड़ाव देखा गया. अब यह आंदोलन पंजाब में स्कूलों की किताबों का हिस्सा बन गया है.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन को पंजाब में चौथी क्लास की किताब का हिस्सा बनाया गया है. पांच पेज का यह चैप्टर पंजाबी बुक 'मोह दिया तंदा' का हिस्सा है. 'मोह दिया तंदा' को 'प्यार के धागे' के रूप में जाना जाता है. इस चैप्टर को ग्लोबल लर्निंग सॉल्यूशन ने पब्लिश किया है और इसे डॉक्टर जगजीत सिंह धुरी ने लिखा है.
धुरी पंजाब के प्राइवेट स्कूलों की संस्था के अध्यक्ष हैं. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''यह चैप्टर उस किसान आंदोलन की कहानी को बताता है जिसने इतिहास रचा. स्टूडेंट्स को जानना चाहिए कि कैसे सच और अधिकारों के लिए एकता के साथ आवाज उठाई जा सकती है और यह पंजाबी समुदाय की भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है.''
एक साल तक चला था आंदोलन
धुरी ने आगे कहा, ''मैंने देखा है कि बीते दो दशक में पंजाब की किताबों का सिलेब्स ज्यादा नहीं बदला है. इस चैप्टर को लिखने का मकसद आने वाली पढ़ियों को किसानों की दिल्ली में लड़ी गई लड़ाई के बारे में बताना है. यह कोई आम आंदोलन नहीं था. इस आंदोलन ने मोदी सरकार को फैसला बदलने के लिए मजबूर किया. किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 लोगों की जान चली गई.''
बता दें कि दिल्ली में किसान आंदोलन की शुरुआत नवंबर 2020 में हुई थी और यह आंदोलन दिसंबर 2021 तक चला था. एक साल से ज्यादा समय तक हजारों किसान दिल्ली में डेरा जमाकर टिके रहे.
Source: IOCL





















