किश्तवाड़ में ड्यूटी पर तैनात थे गिरिडीह के CISF जवान, आपदा में गई जान, गांव में शोक की लहर
Kishtwar Cloudburst: गिरिडीह के CISF जवान संजय मुर्मू की जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई. 1 जुलाई 2020 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में चयनित हुए थे.

झारखंड के गिरिडीह जिले के बिरनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धरमपुर गांव निवासी संजय मुर्मू, जो केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में तैनात थे. वे 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ (श्रीनगर) में ड्यूटी के दौरान बादल फटने की प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गए. इस हृदयविदारक घटना में उनकी असामयिक मृत्यु हो गई.
संजय मुर्मू का पार्थिव शरीर श्रीनगर से गिरिडीह लाया जा रहा है. उनके निधन से परिवार, क्षेत्र और पूरे जिले में गहरा शोक व्याप्त है. संजय मुर्मू ने अपने कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे सदैव याद रखा जाएगा. स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाज के प्रबुद्धजन ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
पिछले महीने ही किश्तवाड़ में मिली थी तैनाती
जानकारी के अनुसार, संजय मुर्मू 1 जुलाई 2020 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बाल में चयनित हुए थे. ओडिशा से पिछले महीने उन्हें जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ 535 कम्पनी मचैल माता मंदिर चिकोटी गांव में तैनात किया गया था.
14 अगस्त दोपहर 12:30 बजे बादल फटने की भयंकर प्रकृतिक आपदा में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया है.
संजय मुर्मू के गांव में शोक व्याप्त
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) जवान संजय मुर्मू की शहादत की अधिकारी पुष्टी दो दिन बाद यानी 16 अगस्त को हुई. जैसे ही संजय मुर्मू की शहादत की खबर परिवार वालों को मिली, उनका रो- रोकर बुरा हाल हो गया.
सीआईएसएफ जवान संजय की शहादत से गांव हीं नहीं पूरे गिरिडीह जिले में शोक व्याप्त है. संजय मुर्मू का पार्थिव शरीर श्रीनगर से गिरिडीह लाया जा रहा है.
किश्तवाड़ आपदा में अब तक 65 लोगों की मौत
श्रीनगर के किश्वतवाड़ में प्राकृतिक आपदा के बाद से ही राहत और बचाव कार्य जारी है. अब तक 65 शव बरामद किए गए हैं. वहीं, 100 से ज्यादा लोग घायल हैं.
80-85 लोगों के लापता होने की भी सूचना है. रेस्क्यू टीम की पूरी कोशिश है कि सभी लोगों को सुरक्षित बचाया जा सके.
गिरिडीह से पंचानंद राय की रिपोर्ट.
Source: IOCL






















