CM बनने के बाद चंपई सोरेन ने की पहली कैबिनेट बैठक, जानें क्या फैसला लिया?
Champai Soren News: सीएम चंपई सोरेन ने कैबिनेट मीटिंग के बाद हेमंत सोरेन के द्वारा किए गए काम की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की तरफ से शुरू की गई योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे.

Jharkhand News: झारखंड के नए सीएम चंपई सोरेन ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने मीडिया के लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आपके माध्यम से अपनी बात लोगों तक पहुंचाएंगे. हेमंत सोरेन ने पिछले चार सालों में जो कामकाज किया है, उसे हम आगे बढ़ाएंगे. कोरोना जैसी महमारी और विषम परिस्थति में भी हेमंत सोरेन ने बेहतर ढंग से नेतृत्व किया. उन्होंने सूझबूझ के साथ सरकार चलाई. यहां के आदिवासियों की बुनियादी सवाल को उन्होंने उठाया और मजबूत किया. कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया गया है कि झारखंड विधानसभा का सत्र 5 और 6 फरवरी को होगा.
सीएम ने कहा कि ये सरकार ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र तक को विकास की योजनाओं से सालों तक दूर रखा गया लेकिन हेमंत सोरेन ने इस दिशा में काम किया. हम उन योजनाओं और काम को हम तेजी से आगे बढ़ाएंगे ताकि दोनों क्षेत्र और हर वर्ग लाभ मिले. सभी क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए जनहित में काम करेंगे. झारखंड में कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि प्रदेश की चंपई सोरेन सरकार पांच फरवरी को विश्वास मत हासिल करेगी.
#WATCH | Ranchi: After the first cabinet meeting, Jharkhand CM Champai Soren says, "...we will carry forward the work started by Hemant Soren..." pic.twitter.com/M3SxroOtye
— ANI (@ANI) February 2, 2024
राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने राजभवन में चंपई सोरेन को पद की शपथ ग्रहण कराई. चंपई सोरेन के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता सत्यानंद भोक्ता ने राज्य के मंत्रियों के रूप में शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित किया गया और इस अवसर पर झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.आदिवासी नेता चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री हैं. वह झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से छठे मुख्यमंत्री हैं. कोल्हान क्षेत्र में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले शामिल हैं.चंपई सोरेन को राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था. इससे पहले चंपई सोरेन ने राज्यपाल से सरकार बनाने के उनके दावे को जल्द से जल्द स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में ‘भ्रम’ की स्थिति बनी हुई थी और प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं था.
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