CM सुक्खू ने 6 देशों को हिमाचल में निवेश के लिए किया आमंत्रित, जानें- किन क्षेत्रों में आनी है बड़ी इन्वेस्टमेंट?
Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू में एम्बेसडर्ज मीट की अध्यक्षता की. यहां उन्होंने छह देश के प्रतिनिधियों को हिमाचल में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया.
Kullu Dusherra 2024: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में बेहद धूमधाम के साथ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में पहुंचे. यहां मुख्यमंत्री ने एम्बेसडर्ज मीट की अध्यक्षता करते हुए विदेशी निवेशकों को हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया.
इस बैठक में उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, कजाकिस्तान, ब्रुनेई के राजदूतों के साथ रूस और गुयाना के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. एम्बेसडर्ज मीट के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां विदेश से आए प्रतिनिधियों के साथ हिमाचली नाटी करते हुए भी नजर आए.
किन क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया?
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य है. हिमाचल प्रदेश तेजी से हरित ऊर्जा राज्य की ओर भी बढ़ रहा है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनने का लक्ष्य रखा है. साल 2027 तक हिमाचल आत्मनिर्भर बनेगा और साल 2032 में पूरे देश का सबसे अमीर राज्य बन जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विदेश से आए प्रतिनिधियों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया. मुख्यमंत्री ने पर्यटन, हरित ऊर्जा, डाटा स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और अन्य सस्टेनेबल एनर्जी क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया.
देव समागम के लिए जाना जाता है कुल्लू दशहरा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचलवासी ‘अतिथि देवो भव:’ भावना में विश्वास करते हैं. प्रदेश के लोगों के लिए अतिथि देवतुल्य हैं. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा वैश्विक आयोजन के रूप में विकसित हुआ है. यह आयोजन भक्ति भावना के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम है. इस साल इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान, म्यांमार, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और किर्गिस्तान के सांस्कृतिक दलों के साथ थाईलैंड और उज्बेकिस्तान के कलाकार दशहरा उत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. यह देव समागम कुल्लू घाटी के 332 स्थानीय देवी-देवताओं को एक साथ लाता है. उत्सव में आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव होता है.
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