एयर इंडिया प्लेन क्रैश में जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश का नया वीडियो, आंखों पर नहीं होगा यकीन!
Vishwash Kumar Ramesh New Video: एयर इंडिया के 171 विमान की सीट नंबर 11A पर बैठे विश्वास कुमार रमेश 'चमत्कार' का पर्याय बन चुके हैं.

'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय', इस कहावत का जीता जागता उदाहरण बन चुके विश्वास कुमार रमेश का ताजा वीडियो सामने आया है. अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश में विश्वास कुमार रमेश इकलौते यात्री हैं जो बच गए. प्लेन में सवार बाकी 241 लोगों की मौत हो गई.
क्रैश साइट से बाहर आते दिखे विश्वास कुमार रमेश
विश्वास कुमार के एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वो क्रैश साइट से बाहर आते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में हादसे की भयावहता और वहां मौजूद लोगों की चीख पुकार सबकुछ बयां कर रही है. आग की लपटे और धुएं के गुबार के बीच से विश्वास कुमार रमेश चलते हुए बाहर आते हैं. वहां मौजूद लोग अपने साथ उन्हें ले जाते हैं. सागर पटोलिया ने ये वीडियो एक्स पर शेयर किया है.
बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टस पर क्रैश हुआ था विमान
12 जून को अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल बिल्डिंग पर एयर इंडिया का 171 बोइंग ड्रीमलाइनर 787 विमान क्रैश हो गया था. इस घटना ने देशभर को झकझोर कर रख दिया वहीं विश्वास कुमार रमेश के बच जाने को 'चमत्कार' बताया जा रहा है.
અવિશ્વસનીય પરંતુ સત્ય!
— Sagar Patoliya (@kathiyawadiii) June 16, 2025
અમદાવાદ પ્લેન ક્રેશમાં ચમત્કારિક રીતે બચેલા રમેશ વિશ્વાસનો વધુ એક વિડિઓ સામે આવ્યો.
દુર્ઘટના થયા પછી હાથમાં ફોન સાથે ચાલીને બહાર નીકળ્યો રમેશ વિશ્વાસ. #AhmedabadPlaneCrash pic.twitter.com/94WDepkKjn
लंदन के गैटविक जा रहा था विमान, 11A सीट पर बैठे थे रमेश
अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक के लिए एयर इंडिया के विमान ने उड़ान भरी थी. विश्वास कुमार रमेश 11A नंबर सीट पर बैठे थे. विमान ने टेकऑफ किया और कुछ ही सेकेंड में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जाकर क्रैश हो गया. 11A सीट इमरजेंसी एग्जिट के पास ही था.
'मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं'
खुद विश्वास कुमार ने कहा कि उन्हें जिंदा बचने की उम्मीद नहीं की थी. उन्होंने बताया कि उन्हें भरोसा नहीं होता कि वो कैसे जिंदा बाहर निकल गए. रमेश ने कहा कि मुझे भी लगा था कि मैं मरने वाला हूं. प्लेन टेक ऑफ के बाद रुक गई और अंदर की लाइट जलने लगीं. जब मेरी आंखें खुली तब जाकर एहसास हुआ कि मैं जिंदा बच गया हूं.
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