घड़ी और सीएफएल बनाने वाली कंपनी को कैसे मिला पुल के मेंटेनेंस का ठेका? मोरबी ब्रिज टूटने पर उठा सवाल
Morbi Bridge: मोरबी की पहचान कहे जाने वाले 143 साल पुराने इक केबल ब्रिज की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओधवजी पटेल के नेतृत्व वाली ओरेवा ग्रुप के पास है.
Morbi Bridge Collapsed: गुजरात (Gujarat) के मोरबी जिले (Morbi District) में रविवार (30 अक्टूबर) शाम को मच्छु नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज (Hanging Bridge) टूटने से 134 लोगों की मौत हो गई. कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है. इस घटना को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. सरकार और प्रशासन के लोग घटनास्थल पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. इस दर्दनाक हादसे के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. बताया जा रहा है कि दीवाली के एक दिन बाद ही इस पुल की मरम्मत के बाद उसे लोगों के लिए खोला गया था. मरम्मत के बाद खोले गए ब्रिज के इस तरह से टूट जाने के बाद इसका रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी (Orewa Company) की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं.
ओरेवा कंपनी के पास मेंटेनेंस की जिम्मेदारी
मोरबी की पहचान कहे जाने वाले 143 साल पुराने इक केबल ब्रिज की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओधवजी पटेल के नेतृत्व वाली ओरेवा ग्रुप के पास है. ओरेवा ग्रुप को मार्च 2022 से मार्च 2037 तक 15 साल के लिए इस पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें पुल के रखरखाव से लेकर इसकी सफाई, सुरक्षा और टोल वसूलने का काम कंपनी को दिया गया था. इस हादसे के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने के पीछे कंपनी की लापरवाही बताई जा रही है. दरअसल, ब्रिज की अधिकतम क्षमता 100 लोगों की है, लेकिन जिस समय यह हादसा हुआ उसपर 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे.
घड़ी से लेकर ई-बाइक तक का निर्माण
इस घटना को लेकर चर्चा में आई ओरेवा कंपनी की शुरुआत करीब पांच दशक पहले 1971 में ओधावजी राघवजी पटेल ने की थी. कारोबार की दुनिया में कदम रखने से पहले ओधावजी राघवजी बतौर साइंस टीचर एक स्कूल में पढ़ाने का काम करते थे. फिर उन्होंने बिजनेस में हाथ आजमाया. देखते ही देखते ओधावजी के नेतृत्व में कंपनी का कारोबार बढ़ने लगा. कंपनी मशहूर अंजता और ओरपैट ब्रांड के तहत दीवार घड़ी बनाती है.
इन सबके अलावा यह बिजली के उपकरण, बिजली लैम्प, कैलकुलेटर, चीनी मिट्टी के उत्पाद, सीएफएल और ई-बाइक भी बनाती है. ओरेवा कंपनी का कारोबार 800 करोड़ रुपये के आसपास बताया जा रहा है. वहीं, कंपनी में 6000 हजार से भी ज्यादा लोग करते हैं. कंपनी के संस्थापक ओधावजी राघवजी पटेल का 88 वर्ष की आयु में इस महीने की शुरुआत में निधन हो गया था.
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