Gujarat: नाबालिग लड़की के साथ शादी कर लेने से पोक्सो अधिनियम के तहत अपराध खत्म नहीं होता- हाई कोर्ट
Gujarat News: गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि एक नाबालिग लड़की के साथ भाग जाने और फिर उसके साथ शादी कर लेने से पोक्सो अधिनियम के तहत अपराध खत्म नहीं हो जाता. जानिए
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि एक नाबालिग लड़की के साथ भाग जाने और फिर उसके साथ शादी कर लेने से पोक्सो अधिनियम के तहत अपराध खत्म नहीं हो जाता. गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक लापता लड़की के लिए दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को वापस लेने की अनुमति से इनकार करते हुए यह बात कही.
क्या है पूरा मामला?
बोपल की एक 15 वर्षीय लड़की 2019 में अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी. उसके पिता ने उसके अपहरण और अवैध हिरासत का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. बोपल पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ पोक्सो के तहत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की. मंगलवार को, लड़की के माता-पिता ने अदालत से उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति देने के लिए कहा और विवाह प्रमाण पत्र की एक प्रति प्रदान की, जिसे उनके घर पर फेंक दिया गया था. दस्तावेज से पता चलता है कि उनकी बेटी ने 18 फरवरी को वयस्क होने पर अपनी शादी का पंजीकरण कराया है.
याचिका वापस लेने की अनुमति देने से किया इनकार
माता-पिता ने कहा कि शादी होने के मद्देनजर मुकदमे को आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है. हालांकि न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति मौना भट्ट की पीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले में व्यक्ति पोक्सो के तहत आरोपी है. न्यायमूर्ति गोकानी ने कहा,'' शादी से अपराध नहीं मिटता. अगर यह सिलसिला जारी रहा तो अपराधी नाबालिग लड़कियों के साथ भाग जाएंगे और दो-तीन साल बाद वापस आएंगे और कहेंगे कि उन्होंने शादी कर ली है. संसद ने इसके लिए एक कानून बनाया है. अदालत ने लड़की को जल्द से जल्द अदालत में पेश करने का आदेश दिया और आगे की सुनवाई 8 मार्च को तय की.
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