गुजरात में अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ सरकार का एक्शन, जारी किए गए 458 नोटिस
Gujarat News: गुजरात सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर स्थित अनधिकृत धार्मिक ढांचों को 458 नोटिस जारी किए गए हैं. साथ ही ढांचों को हटाने के लिए स्थानीय धार्मिक प्रमुखों को जागरूक किया गया.

Gujarat News: गुजरात सरकार ने मंगलवार को हाई कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए सार्वजनिक स्थानों पर स्थित अनधिकृत धार्मिक ढांचों को 458 नोटिस जारी किए गए हैं. मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने एक आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं और सार्वजनिक सड़कों, सार्वजनिक पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत धार्मिक ढांचों में रहने वालों को 458 नोटिस जारी किए हैं.
सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए स्थानीय समाचार पत्रों में 2,607 नोटिस प्रकाशित किए गए थे. सार्वजनिक स्थानों से अनधिकृत धार्मिक ढांचों को हटाने के लिए स्थानीय धार्मिक प्रमुखों को जागरूक किया गया. हाई कोर्ट ने 2006 में वडोदरा नगर निगम द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण करने वाले कथित धार्मिक ढांचों को हटाने के लिए चलाए गए विध्वंस अभियान के संबंध में खुद संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं की पहचान करने और उन्हें हटाने, स्थानांतरित करने के संबंध में एक व्यापक नीति तैयार करने के निर्देश जारी किए थे. हाई कोर्ट ने कहा कि 19 अप्रैल 2024 को जारी गुजरात सरकार के प्रस्ताव में नगर निगमों और जिला कलेक्टरों द्वारा गठित समितियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के बारे में संबंधित विभागों को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है. साथ ही विस्तृत डेटा पेश करने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्त किए जाने हैं.
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने गुजरात के गृह सचिव से नगर निगम और जिला कलेक्टर स्तर पर गठित समितियों के कामकाज पर रिपोर्ट मांगी थी. यह रिपोर्ट 4 मार्च को हाई कोर्ट के समक्ष रखी जाएगी. इस बीच सरकार की ओर से दाखिल जवाब पर गौर करते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को हटाने, नियमित करने या स्थानांतरित करने का काम लगातार किया जा रहा है.
पीठ ने कहा कि समिति को सभी अवैध संरचनाओं की स्थिति की समीक्षा करने और सार्वजनिक स्थानों से धार्मिक प्रकृति की सभी संरचनाओं को हटाने का अधिकार है. अदालत का यह भी कहना है कि पैनल को अवैध संरचनाओं को बनाने वालों के खिलाफ भूमि हड़पने अधिनियम के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. याद रहे राज्य सरकार अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है.
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Source: IOCL





















