Lumpy Skin Disease: गुजरात में लम्पी स्किन डिजीज को लेकर सरकार अलर्ट, जांच के लिए सात सदस्यीय टास्क फोर्स का किया गठन
What is Lumpy Skin Disease: गुजरात में लम्पी स्किन डिजीज का कहर जारी है. यहां हर दिन पशुओं की मौत हो रही है. गुजरात सरकार ने अब इसकी जांच के लिए सात सदस्यों की एक टास्क फोर्स का गठन किया है.

Symptoms of Lumpy Skin Disease: पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल ने बुधवार को कहा कि राज्य में पशुओं में ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) के प्रसार को रोकने के लिए गुजरात सरकार ने कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति नरेश केवलवा के नेतृत्व में सात सदस्यों की एक टास्क फोर्स का गठन किया है. गुजरात में इस बीमारी की व्यापकता के बारे में अपडेट देते हुए एक आधिकारिक विज्ञप्ति में, मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में बुधवार सुबह एलएसडी के 744 नए मामले सामने आए. उन्होंने कहा कि राज्य के 23 प्रभावित जिलों में से 12 ने पिछले 24 घंटों में एक भी मामला दर्ज नहीं किया.
बीमारी को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया कदम
विज्ञप्ति में मंत्री पटेल के हवाले से कहा गया है, 'टास्क फोर्स प्रभावित जिलों में इलाज पर कड़ी नजर रख रही है और मार्गदर्शन दे रही है ताकि यह बीमारी और न फैले. विज्ञप्ति के अनुसार, 76,154 गायें इस बीमारी से प्रभावित हैं, जिनमें से 54,025 ठीक हो चुकी हैं और 19,271 का इलाज चल रहा है. इस बीमारी से अब तक 2,858 जानवरों की मौत हो चुकी है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि अप्रभावित जानवर संक्रमित न हों, 31.14 लाख से अधिक जानवरों को टीका लगाया गया था.
इस जिले का बुरा हाल
सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला कच्छ है यहां सबसे अधिक मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं. इसके बाद बनासकांठा (8,186), देवभूमि द्वारका (7,447), जामनगर (6,047) और राजकोट (4,359) हैं. कुल 23 प्रभावित जिलों में से आठ जिलों में पिछले 24 घंटों में 76 लोगों की मौत हुई है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रभावित जिलों में पशुओं के उपचार में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति का आंकलन कर रहे हैं.
वडोदरा में मवेशियों की आवाजाही पर रोक
वडोदरा जिले के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने जिले के एक गांव से दूसरे गांव में मवेशियों के आने और जाने रोक लगा दी है. वडोदरा के अपर जिलाधिकारी कुलदीप सिंह झाला के अनुसार आठ अगस्त को जारी अधिसूचना एक माह तक प्रभावी रहेगी. बता दें प्रशासन ने पहले ही पशु मेले पर रोक लगा दी है. वडोदरा जिले के पड़ोसी जिलों में भी एलएसडी का प्रकोप देखा गया है. यहां भी पशु को एक जगह से दूसरे जगह लेकर जाने की अनुमति नहीं है. इसी तरह, जानवरों का व्यापार, मेलों और प्रदर्शनियों के साथ-साथ कोई भी सार्वजनिक गतिविधि या जानवरों से जुड़े खेल पर तब तक रोक रहेगी जब तक अधिसूचना लागू नहीं हो जाती.
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Source: IOCL





















