Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर बने डीपफ़ेक वीडियो का शिकार, मास्टर ब्लास्टर ने सरकार से की ये गुजारिश
Deepfake: डीपफेक वीडियो में सचिन तेंदुलकर कहते नजर आ रहे हैं कि उनकी बेटी एक ऑनलाइन गेम एविएटर खेलती हैं और उससे एक सौ 80 हज़ार रुपये कमा रही हैं. अब अच्छा पैसा कमाना कितना आसान हो गया है.
Sachin Tendulkar Deepfake Video: पिछले दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफ़ेक वीडियो खूब वायरल हुआ था. जिसके बाद रश्मिका मंदाना शिकायत दर्ज करवाई थी. वहीं, अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर डीपफ़ेक वीडियो का शिकार बन गए हैं. मास्टर ब्लास्टर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खुद पूरा मसला बताया है. सचिन तेंदुलकर ने अपने पोस्ट में लिखा है कि इस वीडियो में डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है और उन्हें एक ऐप का प्रचार करते हुए दिखाया जा रहा है.
'डीपफेक का गलत इस्तेमाल ठीक नहीं है, आप सब...'
सचिन तेंदुलकर ने एक्स पर लिखा कि ये वीडियो फेक है, आपको धोखा देने के लिए बनाया गया है. उन्होंने आगे लिखा कि डीपफेक का गलत इस्तेमाल ठीक नहीं है. आप सब लोगों से गुजारिश है कि ऐसे वीडियो या ऐप या विज्ञापन आपको अगर नजर आए तो जल्द से जल्द रिपोर्ट करें. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी सावधान रहना चाहिए. इससे संबंधित शख्स के खिलाफ जल्द से जल्द एक्शन हो. साथ ही मास्टर ब्लास्टर ने इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी मंत्रालय और इस मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से भी इस पर एक्शन लेने की अपील की.
सोशल मीडिया पर वायरल डीपफेक वीडियो में सचिन तेंदुलकर कहते नजर आ रहे हैं कि उनकी बेटी एक ऑनलाइन गेम एविएटर खेलती हैं और उससे एक सौ 80 हज़ार रुपये कमा रही हैं. अब अच्छा पैसा कमाना कितना आसान हो गया है.
These videos are fake. It is disturbing to see rampant misuse of technology. Request everyone to report videos, ads & apps like these in large numbers.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 15, 2024
Social Media platforms need to be alert and responsive to complaints. Swift action from their end is crucial to stopping the… pic.twitter.com/4MwXthxSOM
क्या है डीपफे़क टेक्नोलॉजी?
डीपफे़क आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करता है. इस तकनीक के जरिए किसी की भी फे़क इमेज या तस्वीर आसानी से बन जाती है. साथ ही इसमें किसी भी तस्वीर,ऑडियो या वीडियो को फ़ेक दिखाने के लिए एआई के एक प्रकार डीप लर्निंग का इस्तेमाल होता है. लिहाजा, इसे डीपफेक़ टेक्नोलॉजी कहा जाता है.
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