NCERT की इतिहास की किताबों में बदलाव का क्या असर होगा इतिहास के जानने वालों पर, जानें | FYI
Episode Description
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है की पिछले 15 सालों से 12वीं के छात्र अपनी किताबों में महात्मा गांधी और आरएसएस से जुड़े जो तथ्य पढ़ते आ रहे हैं उसे अब इस किताब से इसे हटा दिया गया है. दरअसल नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने 12वीं कक्षा के लिए इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिंदी के सिलेबस में कुछ बदलाव किए हैं. एनसीईआरटी की नई किताबों से इतिहास का वो हिस्सा भी हटा दिया गया है जिसमें बताया गया था कि नाथूराम गोडसे, जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या की थी उन्हें 'पुणे का एक ब्राह्मण' कहा गया था और उनकी पहचान एक कट्टरपंथी हिंदू अखबार के संपादक के रूप में की गई थी जो सोचते थे कि गांधी मुसलमानों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगभग 2 सालों तक देश के सभी बंद रहे स्कूल एक बार फिर खुलने लगे हैं. वहीं इस साल आई एनसीईआरटी की नई किताब में बच्चों के सिलेबस से कुछ चैपटर को भी हटा दिया था ताकि उन पर ज्यादा दबाव न बन जाए. एनसीईआरटी ने इस बदलाव के बारे में स्कूलों को बताने के साथ ही अपने आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी गई थी. हालांकि पिछले साल समय के अभाव में नई किताबों की छपाई नहीं हो सकी. अब बाजार में ये किताबें साल 2023-24 के लिए छप कर आ चुकी हैं और जब इस को पढ़ा गया तो पता चला की उसमें महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे से जुड़े वाक्यों और संदर्भों को हटा दिया गया है. किताब के उस तथ्य पर भी कैंची चला दी गई जिसमें बताया गया था कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद भारत सरकार ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की और इस कार्रवाई के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठनों को कुछ वक्त के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा के सिलेबस में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। मुगल साम्राज्य से जुड़े कुछ चैप्टर किताबों में नहीं होंगे। जिन टॉपिक्स को हटाया गया है उनसे इतिहास को जानने वालों को कितना फर्क पड़ेगा जानेंगे आज FYI में सिर्फ abp Live Podcasts पर जहाँ हमारे साथ में जुड़े हैं Irfan Habib , Retired Chairman of Department of History, AMU























