कानून के हाथों Encounter के लिए कोई कानून ही नहीं, जानें Police Encounter का सच | FYI
Episode Description
हर जगह प्रयागराज शूटआउट कि बातें चल रही हैं। बीते सालों कि बात करें तो चाहे Sadiq Jamal (2003), Ishrat Jahan case (2004), Sohrabuddin Sheikh case (2005),Tulsiram Prajapati case और न जाने ऐसे बहुत से केस जिनमें हम सुनते आये आये हैं कि पुलिस एनकाउंटर हुआ। कनून के हाथों किया जाने वाला एनकाउंटर के बारे में वास्तव में कानून में कोई प्रावधान ही नहीं है। वहीँ दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि पिछले छह साल में जो encounter killings रजिस्टर हुई वो रहीं 813 और मतलब कि अप्रैल 2016 से हर तीन दिन में एक एनकाउंटर हुआ। Covid में जहाँ ये आंकड़ा काम हुआ वहीँ, there was a 69.5% spike the next year with 139 cases. आखिर क्या होते हैं पुलिस द्वारा किये गए एनकाउंटर्स? क्या कहता है इसे लेकर कानून ? और क्यों उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा होते हैं ये जानेंगे सबकुछ पुलिस एनकाउंटर्स के बारे में आज FYI में। मैं मानसी हूँ आपके साथ abp Live Podcasts पर और मेरे साथ में जुड़ चुके हैं रिटायर्ड DCP, Delhi और अब दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता , LN Rao .























