टकराव: राजभर ने एक बार फिर बीजेपी को घेरा, जानिए पहले कब-कब कर चुके हैं असहज
ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को प्रयागराज में हुई कैबिनेट बैठक से दूरी बनाये रखी. बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने जो मुद्दे उठाये थे सरकार ने उसे नजरअंदाज किया.

बलिया: ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को प्रयागराज में हुई कैबिनेट बैठक से दूरी बनाये रखी. बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने जो मुद्दे उठाये थे सरकार ने उसे नजरअंदाज किया. राजभर ने कहा, 'मैं कैबिनेट की बैठक में नहीं गया क्योंकि मैंने जिन मुद्दो को मंत्रिमंडल में रखना चाहता था उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया जबकि अन्य मुद्दों पर बैठक में विचार किया गया.'
उन्होंने कहा कि' आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को आरक्षण देने का विधेयक 48 घंटे में बिना किसी कमेटी या जांच के लागू कर दिया गया लेकिन पिछड़ों में जो गरीब हैं उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया. बीजेपी को अपना वायदा पूरा करना चाहिये.'
उनसे पूछा गया कि क्या वह भविष्य में कैबिनेट की बैठकों में शामिल होंगे इस पर उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि राज्य सरकार उनकी मांग पर क्या रूख अपनाती है.
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'राहुल पीएम बनने लायक'
राजभर अक्सर अपने बयानों से बीजेपी को असहज करते रहते हैं. हाल ही में उन्होंने बलिया में पत्रकारों से कहा, "मैं राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने के काबिल पाता हूं. अंतिम फैसला लोगों के हाथ में है और वे तय करेंगे कि भारत का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा."
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर 'लोगों को गुमराह करने का' आरोप लगाया. पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा, "जब केंद्र सरकार पांच वर्षो में कुछ नहीं कर पाई तो मुख्यमंत्री 24 घंटे में क्या कर लेंगे."
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'मैं बीजेपी का नेता नहीं'
थोड़े वक्त पहले ही राजभर ने कहा था, "मैं बीजेपी का नेता नहीं. हमारी अलग पार्टी है. पूर्वांचल में हमारी ताकत को देखते हुए बीजेपी ने हमें अपने साथ लिया. हम किसी की कृपा से नहीं, लड़ाई लड़कर मंत्री बने हैं. इसलिए सच बोलते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री से जनता हितों के लिए मेरी वैचारिक लड़ाई है."
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'आरक्षण नहीं मिला तो गठबंधन छोड़ देंगे'
ओमप्रकाश राजभर ने लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो जाएगी. सुहेलदेव भारतीय समता पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ने कहा, "जब चुनाव नजदीक आता है तो बीजेपी को सहयोगी दल याद आते हैं. इस बार बिल्ली मट्ठा भी फूंककर पीएगी."
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