By: एबीपी न्यूज़, वेब डेस्क | Updated at : 16 Aug 2016 12:42 PM (IST)
लखनऊ: यूपी में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सोमवार को सामजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव पर एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव द्वारा दिए गए बयान को लेकर राजनीति के गलियारे में बयानबाजी का दौर शुरु हो गया है. मुलायम के बयान को बीजेपी ने जहां समाजवादी पार्टी का ड्रामा करार दिया है तो वहीं शिवपाल यादव द्वारा अखिलेश की तारीफ करने पर एक नई चर्चा शुरु हो गई है.

समाजवादी पार्टी का ड्रामा है मुलायम-शिवपाल की बयानबाजी
यूपी चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में हो रहे उथल-पुथल और मुलायम सिंह यादव-शिवपाल सिंह यादव की बयानबाजी पर यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने करारा हमला किया है और इसे समाजवादी पार्टी का ड्रामा करार दिया है.
नाकामियों को छिपाने की कोशिश
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी में अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस तरह की बयानबाजी की जा रही है. अगर शिवपाल यादव सच में दुखी हैं तो उन्हें इस्तीफ़ा देना चाहिए और अगर मुलायम सिंह यादव को लगता है कि शिवपाल के खिलाफ पार्टी में साजिश हो रही है तो उन्हें जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए थी.
अखिलेश को दे देना चाहिए इस्तीफ़ा
इसके साथ ही उन्होंने यूपी के सीएम पर करारा हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अब कुर्सी पर बने रहने का क़ोई हक नहीं रह गया है. उन्हें फ़ौरन इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.

मुख़्तार को SP में आना ही है
तो वहीं यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर कहा कि मुख़्तार अंसारी को एसपी में तो आना ही है. दोनों की सोच एक है. पिछली बार इसे लेकर जो विरोध हुआ था वो मजह एक दिखावा था. मुख़्तार जैसे दूसरे माफियाओं और दागियों की एसपी में भरमार है. आखिर वो किसे-किसे निकालेंगे?
समाजवादी पार्टी में ना कभी विवाद होता है और ना ही विरोध: आज़म खान
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आज़म खान ने एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के बयान पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि, सरकार बनने के फ़ौरन बाद नेताजी ने इसे लेकर चेताया था, उसी वक़्त कार्यवाही हो जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि, नेता जी हर हर मौके पर अलर्ट करते रहे हैं. नेता जी के कहने पर कोई वाद-विवाद नहीं होता है. समाजवादी पार्टी में न कभी विवाद होता है और ना ही कभी विरोध होता है.
चाहे मैं ही क्यों न होऊं?
इसके साथ ही आज़म खान ने कहा कि पार्टी में जो साजिश कर रहा है उसे सजा दें. समाजवादी पार्टी में कोई ऐसी बात नहीं होना चाहिए, हम इसके पक्ष में हैं. नेता जी सब के बड़े हैं उन्हें इस मामले में कड़ाई से काम लेना चाहिए, चाहे मैं ही क्यों न होऊं? आज़म खान ने यह भी कहा कि जो भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं अगर ऐसी कोई सूचना है तो उसका संज्ञान लेना चाहिए उस पर कार्यवाही होना चाहिए.

केंद्र सरकार पर साधा निशाना
इससे पहले आजम खान ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी यूनिवर्सिटी मोहमद अली जौहर में हाई-टेक तरीके से राष्ट्रीय ध्वज फहराया. आज़म खान के मुताबिक इस हाई टेक झंडे की ज़मीन से ऊंचाई 227 फिट है. और ये उत्तर प्रदेश का सबसे ऊंचा झंडा है. आज़म खान के मुताबिक इसका उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, राजनीतिक चिंतन और बड़े नेताओं की नियत भी उतनी ही अच्छी और ऊंची होनी चाहिए. इस दौरान आज़म खान ने कश्मीर मामले में बीजेपी की केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा.
चाचा-भतीजे में झगड़े की खबरों के बीच शिवपाल ने की अखिलेश की तारीफ
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं. सभी पार्टियां सत्ता पर कब्जे के लिए जोर आज़माइश में लगी हैं, लेकिन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के भीतर चाचा-भतीजे की आपसी कलह खुलकर सतह पर आ गई है और अब चाचा शिवपाल सफाई देते फिर रहे हैं. परिवार के इस झगड़े में नया मोड़ तब आया जब सूबे के सीएम और भतीजे अखिलेश यादव से झगड़े की खबरों के बीच चाचा शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश की तारीफ की और कहा कि वे सीएम से नाराज नहीं हैं.
कौमी एकता दल के विलय के पक्ष में हैं मुलायम
बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय के सवाल पर अखिलेश और शिवपाल का झगड़ा सामने आया था और अब शिवपाल यादव ने कहा है कि कौमी एकता दल के विलय पर आखिरी फैसला नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव करेंगे. खास बात ये है कि शिवपाल ने ये बातें आज तब कहीं, जब ये खबरें हैं कि मुलायम सिंह खुद कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय के पक्ष में हैं.

शिवपाल यादव ने आज एटा में मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए अखिलेश सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. शिवपाल ने कहा कि मोदी सरकार ने जो खाते खुलवाए उनमें मोदी सरकार ने तो कुछ नहीं दिया, जबकि अखिलेश सरकार ने 500 -500 रूपये समाजवादी पेंशन प्रतिमाह डाले. मुफ़्त इलाज उपलब्ध कराया. लैपटॉप और कन्याविद्या धन बांटा. किसानों को सुविधाएं दीं.
क्या थी झगड़े की वजह?
बीते दिनों कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय का समर्थन करने वाले मंत्री बलराम यादव को अखिलेश यादव ने बर्खास्त कर दिया था. अखिलेश की जिद के आगे मुख्तार की पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय रद्द हो गया था. बलराम को फिर से मंत्री बना दिया गया था, लेकिन नाराज शिवपाल यादव शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नहीं आए.
पिछले ही महीने दीपक सिंघल यूपी के मुख्य सचिव बनाये गए. अखिलेश यादव को दीपक सिंघल पसंद नहीं थे, लेकिन शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह से दवाब बनवा कर अपने सबसे चहेते अफसर सिंघल को कुर्सी दिलवा दी. अखिलेश मन मसोस कर रह गए.

मुलायम की कोशिश
अखिलेश और शिवपाल यादव के इस झगड़े के बीच मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को कहा था कि शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है और उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है. शिवपाल यादव ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, “हम सब एक हैं और अपने कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं. नेताजी का संकेत ही मेरे लिए आदेश है.”
उधर मुलायम ने कहा, ” शिवपाल यादव एक नहीं बल्कि दो-दो बार इस्तीफा देने आये थे, मैंने उन्हें रोका”. मुलायम सिंह यादव जब लखनऊ के समाजवादी पार्टी दफ्तर में ये सब कह रहे थे. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके बगल में बैठे थे.
रविवार को शिवपाल यादव ने कहा था कि पार्टी के ही कई नेता ज़मीन कब्जा करने में लगे है. अफसर उनके सुनते नहीं हैं. नेता थाने की दलाली करते हैं. क़ानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है, हालात नहीं सुधरे तो वो इस्तीफा दे दूंगा.
यूपी चुनाव से ठीक पहले मुलायम ने फोड़ा शिवपाल की 'आज़ादी का बम'
आज़ादी की 70वीं सालगिरह पर मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में बम फोड़ दिया. ये बम शिवपाल यादव की आज़ादी का है. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम ने कहा कि शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है और उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है.
शिवपाल ने दिया दो-दो बार इस्तीफा
मुलायम ने जब कहा कि “शिवपाल यादव एक नहीं बल्कि दो-दो बार इस्तीफा देने आये थे, मैंने उन्हें रोका” तो सब हैरान रह गए. समाजवादी पार्टी ऑफिस में मुलायम सिंह को तिरंगा फहराते देखने आये लोगों को अचानक सांप सूंघ गया. सब एक-दूसरे से पूछने लगे “ये क्या कह रहे है नेता जी” ?
‘आधे लोग उधर चले जाएंगे और आधे मेरे साथ’
समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपने सुप्रीमो मुलायम सिंह को नेताजी कहते है. मुलायम यही नहीं रुके. वे बोले “अगर शिवपाल चले गए और मैं खड़ा हो गया तो आधे लोग उधर चले जाएंगे और आधे मेरे साथ.”
बगल में बैठें थे अखिलेश
मुलायम सिंह यादव जब लखनऊ के समाजवादी पार्टी दफ्तर में ये सब कह रहे थे, यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके बगल में बैठे थे. अखिलेश चुपचाप मुलायम को देखते रहे. वे बहुत असहज हो गए थे.
“यहां प्रेस वाले भी हैं”
मुलायम सिंह यादव कुछ और बोलते उससे पहले उनके निजी सचिव और अखिलेश के ओएसडी अरविंद यादव ने उनके सामने कागज़ की एक पर्ची रख दी. उस पर लिखा था, “यहां प्रेस वाले भी है.” लेकिन मुलायम भला कहां मानने वाले थे?
अखिलेश के मंत्री सिर्फ गिनते हैं पैसा
मुलायम सिंह ने हाथ से नोट गिनने का इशारा करते हुए कहा अखिलेश के मंत्री सिर्फ पैसा गिनते है. वे समाजवादी पार्टी पर बोझ है. मुलायम ने कहा अगर ऐसे लोग नहीं सुधरे तो मैं उन सबको पार्टी से निकाल दूंगा.
मुलायम सिंह के परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है. ये सब जानते है. चाहे वह घर वाले हों या पार्टी वाले भी. लेकिन पहली बार मुलायम सिंह ने मंच से घर के झगड़े की बात बाहर कर दी. वर्ना अब तक किसे पता था कि शिवपाल यादव दो बार इस्तीफा देने की कोशिश कर चुके है.

पार्टी के यूपी प्रभारी भी हैं शिवपाल
मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष है. उनके बड़े बेटे अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सीएम है और पार्टी के यूपी अध्यक्ष भी. मुलायम के सबसे छोटे भाई शिवपाल यादव राज्य के सबसे ताकतवर मंत्री है और पार्टी के यूपी प्रभारी भी हैं.
मुलायम के चचेरे भाई रामगोपाल यादव राज्य सभा के सांसद है पार्टी के महासचिव भी. जिस दिन अखिलेश मुख्यमंत्री बने उसी दिन से झगड़ा शुरू हो गया. किसी ना किसी बहाने. कभी अफसरों की तैनाती को लेकर तो कभी किसी नेता को सरकार या पार्टी में पद देने पर. एक दो मौकों को छोड़ कर रामगोपाल और अखिलेश एक साथ रहे जबकि शिवपाल दूसरे खेमे की अगुवाई करते रहे.
‘अफसर हमारी नहीं सुनते हैं’
बीते रविवार को शिवपाल यादव बोले “पार्टी के ही कई नेता ज़मीन कब्जा करने में लगे है, अफसर हमारी सुनते नहीं है. नेता थाने की दलाली करते है, क़ानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है, हालात नहीं सुधरे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.” शिवपाल की ये बात जब लखनऊ पहुंची तो सबके होश उड़ गए. मुलायम सिंह ने अब बात इसके आगे बढ़ा दी है.
मुलायम सिंह के घर का झगड़ा पहली बार बाहुबाली नेता मुख्तार अंसारी के बहाने बाहर आया. दो महीने पहले ही शिवपाल यादव ने मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल का विलय करा दिया था. लेकिन अखिलेश यादव ने इसका विरोध कर दिया.

अखिलेश की जिद के आगे विलय रद्द
गुस्से में उन्होंने इस विलय का समर्थन करने वाले मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त कर दिया. वो भी मुलायम को बिना बताये. अखिलेश की जिद के आगे मुख्तार की पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय रद्द हो गया. बलराम को फिर से मंत्री बना दिया गया. लेकिन नाराज शिवपाल यादव शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नहीं आये और वे आज भी नाराज ही है.
पिछले ही महीने दीपक सिंघल यूपी के मुख्य सचिव बनाये गए. अखिलेश यादव को वे रत्ती भर भी पसंद नहीं है. लेकिन शिवपाल ने मुलायम सिंह से दवाब बनवा कर अपने सबसे चहेते अफसर सिंघल को कुर्सी दिलवा दी. अखिलेश मन मसोस कर रह गए.
अखिलेश और शिवपाल में ठनी है
समाजवादी पार्टी अब तक डेढ़ सौ से अधिक विधानसभा चुनाव का टिकट बांट चुकी है. अखिलेश और शिवपाल में इस बात को लेकर ठनी है कि ‘कौन कितने अपने लोगों के लिए टिकट का जुगाड़ करता है?’
घर वापसी के खिलाफ थे रामगोपाल यादव
अमर सिंह झगडे की एक और वजह है. समाजवादी पार्टी में उनकी घर वापसी के रामगोपाल यादव सख्त खिलाफ थे. अखिलेश यादव भी ऐसा ही चाहते थे. लेकिन शिवपाल यादव ने मुलायम को अमर सिंह के लिए राजी कर लिया. अब वे राज्य सभा भी पहुंच गए.
अखिलेश बनाम शिवपाल के झगडे वाली कहानी के कई और क़िस्त है. हरी अनंत हरिकथा अनंता जैसा मामला है. गतांक के आगे अभी और भी बहुत कुछ है.

शिवपाल SP छोड़कर गये तो टूट जाएगी पार्टी
समाजवादी पार्टी (एसपी) के मुखिया मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश की एसपी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचारॅ से व्यथित होकर इस्तीफे की बात कहने वाले राज्य के वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव के समर्थन में आज खुलकर बोले और कहा कि शिवपाल के खिलाफ पार्टी में साजिश हो रही है और अगर वह एसपी छोड़कर गये तो पार्टी टूट जाएगी.
शिवपाल के खिलाफ SP में हो रही है साजिश: मुलायम
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एसपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान पार्टी मुखिया ने कहा कि अखबारों में शिवपाल का बयान छपा है, जिसमें उन्होंने प्रदेश में दलालों और दबंगों के बोलबाले पर चिंता जाहिर करते हुए इस्तीफे की बात कही है. सचाई यह है कि पार्टी में ही शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है.
उन्होंने कहा, शिवपाल इतनी मेहनत करते हैं, काम करते हैं. कुछ लोग उनके पीछे पड़े हुए हैं. अगर वह पार्टी से अलग हो जाएंगे तो पार्टी की हालत बहुत खराब हो जाएगी. आधे लोग उनके साथ चले जाएंगे.

शिवपाल ने दी थी इस्तीफे की चेतावनी
मीडिया की मौजूदगी में ऐसे बयान पर कुछ पार्टी नेताओं ने दबे अल्फाज में उन्हें रोकने की कोशिश की तो एसपी मुखिया ने कहा कि मीडिया बैठा है तो क्या हुआ, जो बात सच है वह सच है इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मौजूद थे. उल्लेखनीय है कि कल मैनपुरी में लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल ने अवैध कब्जों पर चिंता जाहिर करते हुए चेतावनी दी थी.
उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, पार्टी में सभी महत्वपूर्ण नेता सुविधाभोगी हो गये हैं. मैंने अखिलेश से कहा था कि गांव-देहात में निकलो, वहां रात गुजारों लेकिन वह नहीं निकले. उनके मंत्री भी नहीं निकले. सब मंत्री गड़बड़ कर रहे हैं. एसपी में खुशामद का दौर है. असल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है.
अगर ईमानदार लोग रहेंगे तो जरूर जीत जाएंगे उससे अगला चुनाव
एसपी मुखिया ने यह भी कहा कि एसपी भले ही अगला चुनाव नहीं जीत पाये लेकिन अगर ईमानदार लोग रहेंगे तो उससे अगला चुनाव जरूर जीत जाएंगे. उन्होंने कहा कि वह अगले महीने में 18 मण्डलों में रैलियां करेंगे तो माहौल बदलेगा.
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