By: ABP News Bureau | Updated at : 12 Aug 2016 01:48 PM (IST)
वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए केंद्रीय सड़क, राजमार्ग और जल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आज कहा कि भारत 20,000 किलोमीटर लंबे (शहरों को छूते) नदी किनारों तथा 7500 किलोमीटर लंबे समुद्र तट के विकास की तैयारी में है और इस पर 50,000 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर पीएम मोदी के पायलट प्रोजेक्ट जल परिवहन पारियोजना का शिलांयास किया और अघोरेश्वर भगवान राम घाट से मारुति सुजुकी की कारों और अन्य निर्माण सामग्री से लदे दो जलपोत वीवी गिरी और वासुदेव को हरी झंडी दिखाकर कोलकाता के लिए रवाना किया. जो पांच से सात दिन में हल्दिया पहुंचेगा. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और महेंद्र नाथ पांडेय भी मौजूद रहे.


इन दो पोतों में 1400 टन क्षमता का एमवी जाय बासुदेव और 300 टन क्षमता का एमवी वीवी गिरि शामिल है. इनमें क्रमश: मारुति सुजुकी की असेंबल्ड कारें व निर्माण सामग्री लदी हैं. इन्हें वाराणसी के अघोरेश्वर भगवान राम घाट से रवाना किया गया.

इस अवसर पर गडकरी ने कहा,‘जलमार्ग उत्तर प्रदेश के विकास का इंजिन साबित होंगे. हम 20,000 किलोमीटर नदी किनारों तथा 7500 किलोमीटर लंबे समुद्र तट का 50,000 करोड़ रुपये के निवेश से विकास करेंगे.’
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का विकास जल मार्ग विकास परियोजना के जरिए किया जा रहा है. यह परियोजना विश्व बैंक की मदद से लागू की जा रही है. इस पर 4200 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इससे वाराणसी से हल्दिया तक गंगा के जरिए भारी पोतों की आवाजाही सुनिश्चित होगी.
गडकरी ने कहा कि जलमार्गों के जरिए कारों के परिवहन से पश्चिम बंगाल में इनकी लागत 5000 रुपये तक कम होगी. मंत्री ने कहा कि जलमार्गों के प्रोत्साहन से केवल उत्तर प्रदेश में ही 4 से पांच लाख रोजगार पैदा होंगे.

गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार खाली बातों में ही विश्वास नहीं करती बल्कि जो कहती है उसे वास्तविकता में बदलती है. गंगा को परिवहन योग्य बनाने की मौजूदा परियोजना इसका उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि संसद ने देश भर की 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने संबंधी एक महत्वपूर्ण विधेयक इसी साल पारित किया है. अब तक केवल पांच नदी खंडों को ही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है. सरकार इस दिशा में त्वरित काम के लिए प्रतिबद्ध है. गौरतलब है कि इस परियोजना के शुरू होने से उत्तर प्रदेश ,बिहार ,झारखण्ड और पश्चिम बंगाल के जलमार्ग में विकास होगा.
किफायती है जल परिवहन
खबरों के मुताबिक अगर सड़क मार्ग से 1.50 रुपए का खर्च आता है और रेल मार्ग से एक रूपए का तो जल परिवहन से ये खर्च सिर्फ 20 से 25 पैसे ही होगा. इससे ट्रांसपोर्टेशन किफायती होने के चलते सामान के कीमतों में भी काफी होगी कमी. साथ ही इससे प्रदूषण पर भी लगाम लगेगा. बताते चले कि नितिन गडकरी कनाडा में जल परिवहन व्यवस्था से प्रभावित हुए थे.
केवल इतना ही नहीं ऐसा कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद करीब चार से पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 170 करोंड़ रुपए की लागत से बनने वाले मल्टीमॉडल टर्मिनल की आधारशिला भी रखी.

जानें सड़कों को लेकर गडकरी ने क्या ऐलान किया?
**नितिन गडकरी ने बताया कि यूपी में अगले 2 साल में 1.5 लाख करोड़ रू सडक़ निर्माण में लगाया जाएगा.
**इस दौरान गडकरी ने मल्टी मॉडल हब का भी शिलान्यास किया. जिससे रोड, रेल और जहाज के लिए एक हीं जगह से परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित होगी.
** गडकरी ने ये भी कहा कि उनकी कोशिश होगी कि वाराणसी में अगली बार वो शिप प्लेन से आने की कोशिश करेंगे.
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