By: ABP News Bureau | Updated at : 29 Jul 2016 02:54 PM (IST)
वाराणसी: वाराणसी में नम आंखों से लोगों ने शुक्रवार को सुप्रसिद्ध तबला वादक और फिल्म अभिनेता गोविन्दा के मामा लक्ष्मी नारायण सिंह उर्फ लच्छू महाराज को अंतिम विदाई दी. वाराणसी के घुघरानी गली स्थित पैतृक आवास से जब लच्छू महाराज की अंतिम शव यात्रा निकली तो लोगों की आंखों में सिर्फ गम के आंसू और उनकी यादें थी. जो कभी भूली नहीं जा सकती. मर्णिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
लच्छू महराज के छोटे भाई जयनारायण सिंह ने उन्हें मर्णिकर्णिका घाट पर मुखाग्नि दी और मशहूर तबला वादक का शरीर पंच तत्व में विलीन हो गया. इस दौरान संगीत घराने से जुड़े काशी के कई मशहूर लोगों के साथ आमजन की भारी भीड़ उमड़ी रही.

श्रद्धांजलि देने पहुंचे मशहूर पंजाबी गायक दिलेर मेंहदी के भाई गायक शमशेर मेंहदी
इस मौके पर लच्छू जी महराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करने मशहूर पंजाबी गायक दिलेर मेंहदी के भाई गायक शमशेर मेंहदी भी वाराणसी पहुंचे. शमशेर मेंहदी ने लच्छू महराज को याद करते हुए उनकी य़ाद में चंद पंक्तियां गाई ' गए दिनों का सुराग लेकर कहां से आया किधर गया वो अजीब मानस अजनबी था हमें तो हैरान कर गया वो..अजीब मानस अजनबी था..वो हिज्र की रात का मुसाफिर ..वो हमनफ्स सुकुन हमारा सदा रहें नाम उसका प्यारा...सदा रहें नाम लच्छू महराज का प्यारा..
लच्छू महराज ने कहा था, 'माफिया दाउद की नहीं माननी बात' गायक शमशेर मेंहदी ने लच्छू महराज को याद करते हुए बताया कि एक बार हमें माफिया दाउद का कॉल आया और जब यह बात गुरू जी को जब यह मालूम हुआ तो उन्होंने कहा कि दाउद की बात नहीं माननी है. तुम छ: भाई हो एक कम भी हो जायेगा तो क्या फर्क पड़ता है. लच्छू जी महराज हमारे लिए एक पिता की तरह थे. उनका हमारे ऊपर एक संरक्षक की तरह साया था. वो हमारे घर में सुख हो या दु:ख हर अवसर पर खड़े रहते थे. उनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा के लिए अविस्मरणीय रहेंगी.

देश के कोने-कोने से पहुँचे लच्छु महाराज के शिष्य
लच्छू महराज अब नहीं रहें लेकिन उनकी यादें लोगों के दिलों में आज भी बसी हुई है क्योकि सामान्य जीवन शैली से अपने जीवन का यापन करने वाले लच्छू महराज की प्रवृत्ति उनको उनके चाहने वालों के बीच एक ऐसी प्रतीक के रूप में घर कर चुकी है जिसे वो कभी नहीं भूल सकेंगे. यही कारण है कि देश के कोने-कोने से लच्छू महाराज के शिष्य उनको अंतिम विदाई देने के लिए काशी पहुंचे.
लच्छू महाराज का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन
मशहूर तबला उस्ताद पंडित लच्छू महाराज को आज यहां मणिकर्णिका घाट पर मुखाग्नि दी गयी. कल उनका निधन हो गया था. वह 72 साल के थे. उनका मूल नाम लक्ष्मी नारायण सिंह था. उनके छोटे भाई जय नारायण सिंह ने बताया कि बनारस घराना के प्रख्यात गायक लच्छू महाराज कुछ समय से बीमार थे और बुधवार को एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया. अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने के बाद उनका निधन हो गया था .

उनका जन्म बनारस में हुआ था और वहीं वह पले-बढ़े भी थे. उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया और दुनियाभर में अपने कार्यक्रम पेश किए. फिल्मस्टार गोविंदा लच्छू महाराज के रिश्तेदार हैं और उन्होंने उन्हीं से बचपन में संगीत सीखा.
लच्छू महाराज की शादी एक फ्रांसीसी महिला टीना से हुई थी जो अपनी दो बेटियों के साथ फ्रांस में रहती हैं.
पीएम और सीएम ने भी जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तबला उस्ताद के निधन पर शोक प्रकट किया.
उन्होंने लिखा, ‘‘पंडित लच्छू महाराज का निधन भारतीय शास्त्री संगीत की दुनिया के लिए बहुत बड़ी क्षति है. वह लब्ध प्रतिष्ठित तबला वादक थे- मेरा शोक संदेश. ’’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें तबला के सिरमौरों में एक बताया और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी लच्छू महाराज के निधन पर दुख प्रकट किया है.
महाराष्ट्र में बड़ी हलचल, चाचा-भतीजे की हुई बैठक, साथ आने की तैयारी में शरद पवार-अजित पवार!
गृहमंत्री अमित शाह ने की CM मोहन की तारीफ, 'MP सबसे तेज गति से विकास करने वाला राज्य बना'
न्यूजीलैंड से व्यापार समझौता में सेब पर शुल्क कम करने पर भड़के कांग्रेस नेता, PM से की अपील
हरिद्वार: पूर्व MLA सुरेश राठौर ने उर्मिला सनावर और कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप, क्या कुछ कहा?
'सीबीआई का जांच अधिकारी मिला हुआ है', abp न्यूज़ से बोलीं उन्नाव रेप की पीड़िता
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; आसिम मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज!
New Year 2026: साल 2026 में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाएंगी ये फिल्में, 'किंग' से 'रामायण' तक होंगी रिलीज
ओटीटी पर हैं फ्यूचर बताने वाली ये 5 फिल्में, इनमें से एक तो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी