राफेल डील: कांग्रेस के हमले तेज, केंद्र सरकार पर लगाया राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से राफेल सौदे पर जवाब मांगते हुए पूछा कि जब इससे जुड़ी प्रणाली और हथियार वही है जिसे यूपीए शासन में भारतीय वायु सेना ने मंजूरी दी थी तो प्रति विमान लागत कैसे बढ़ गई.

चंडीगढ़ः राफेल सौदे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ हमले तेज करते हुए शनिवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि लड़ाकू विमान की कीमत कैसे बढ़ गई जबकि इसके लिए किया गया 'भारत-विशिष्ट उन्नयन’ (India-Specific Enhancement) वही है जो यूपीए शासन के दौरान तय हुआ था.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से इस पर जवाब मांगते हुए पूछा कि जब इससे जुड़ी प्रणाली और हथियार वही है जिसे यूपीए शासन में भारतीय वायु सेना ने मंजूरी दी थी तो प्रति विमान लागत कैसे बढ़ गई. कांग्रेस नेता ने एनडीए सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कैसे बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कथित तौर पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को छोड़ दिया. राफेल सौदे के तहत विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 कर दी.
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ये स्पष्ट है कि मोदी और सीतारमण ने संसद के अंदर और बाहर जिस 'भारत-विशिष्ट उन्नयन’ का जिक्र किया था वे वही हैं, जिस पर यूपीए सरकार ने 126 राफेल लड़ाकू विमानों का टेंडर जारी करने से पहले वायु सेना ने मुहर लगाई थी.’’ उन्होंने दावा किया कि यूपीए शासन के दौरान हवाई कर्मचारियों की जरूरतों के तहत 13 भारत-विशिष्ट उन्नयनों का फैसला किया गया था. इनमें रडार उन्नयन, हेल्मेट-माउंटेड डिस्प्ले, टोड डिकाय सिस्टम, लो-बैंड जैमर, रेडियो एलिमीटर और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बनी एयरफील्ड में परिचालन की क्षमता शामिल थी.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अगर यूपीए सरकार के दौरान कीमत पहले से ही तय हो गए थे और इन्हीं पर मोदी सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा किया तो फिर जनता को 41,000 करोड़ रुपए का नुकसान कैसे पहुंचाया गया?’’ सुरजेवाला ने मोदी सरकार के उस दावे पर भी सवाल खड़े किए जिसमें कहा गया था कि यूपीए शासन के दौरान राफेल सौदे के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का कोई करार नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि प्रेस इंफॉर्मेंशन ब्यूरो की प्रेस रिलीज के अनुसार, यूपीए सरकार के शासन में जारी की गयी आरपीएफ प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के ‘झूठों’ को पूरी तरह बेनकाब करता है.
सुरजेवाला ने कहा कि अगर इस सरकार ने मामले पर संयुक्त संसदीय समिति का गठन नहीं किया तो साल 2019 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर इसकी जांच की जाएगी. राहुल गांधी की कैलास मानसरोवर यात्रा का बीजेपी की तरफ से मजाक उड़ाए पर सुरजेवाला ने कहा कि जो भी किसी की तीर्थयात्रा को बाधित करेगा, उसको पाप और शाप लगेगा.
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