Defence News: डिफेंस सेक्टर को लेकर पीएम मोदी का बड़ा बयान- अब हम आयातक से बड़े निर्यातक बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं
PM Narendra Modi On Defence Sector: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें सरकार के दृष्टिकोण के तहत चुनौतियों से निपटना होगा. हमें भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली ताकतों को विफल करना है.

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि अब भारत में नया डिफेंस इकोसिस्टम (Defence Ecosystem) विकसित किया जा रहा है. अब हम बड़े आयातक से निर्यातक की ओर आगे बढ़ रहे हैं. नौसेना संगोष्ठी में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 8 सालों में सरकार ने रक्षा बजट (Defence Budget) बढ़ाया है. इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित किया है कि ये बजट डिफेंस मैनुफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास में उपयोगी भी हो.
उन्होंने कहा कि इस बजट का बड़ा हिस्सा रक्षा उपकरणों को भारतीय कंपनियों से खरीद पर खर्च किया जा रहा है. पिछले 4 से 5 सालों में हमारे रक्षा आयात में लगभग 21 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि अब हम प्रमुख रक्षा आयातक से बड़े निर्यातक बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आजादी से पहले से ही हम डिफेंस निर्माण में बहुत मजबूत थे.
#WATCH| Many people don't know that India's defence sector was very strong even before independence. We had 18 ordinance factories that used to export artillery to the world, we were an imp supplier during WWII...but then what happened that we became the largest importer?:PM Modi pic.twitter.com/iPKUDBHQj1
— ANI (@ANI) July 18, 2022
आजादी से पहले डिफेंस सेक्टर मजबूत था
पीएम मोदी ने कहा कि बहुत कम लोगों को पता है कि आजादी से पहले हमारा डिफेंस सेक्टर बेहद मजबूत हुआ करता था. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हम रक्षा उपकरणों के बड़े सप्लायर्स में से एक थे. हमारे पास 18 आयुध कारखाने थे जिनसे बनीं तोप पूरी दुनिया में जाती थी. हम प्रमुख सप्लायर थे लेकिन बाद में हम रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़े आयातक बन गए.
भारत के खिलाफ हो रहा दुष्प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि जैसे-जैसे भारत (India) वैश्विक मंच पर अपने आप को स्थापित कर रहा है, वैसे-वैसे दुष्प्रचार के माध्यम से लगातार हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि खुद पर भरोसा रखते हुए भारत के हितों को हानि पहुंचाने वाली ताकतों (Forces) की कोशिशों को नाकाम करना है, वो चाहे देश में हों या विदेश में. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि भारत के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को चुनौती देने वाली ताकतों के खिलाफ युद्ध तेज करना है.
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