मुजफ्फरनगर दंगा: बीजेपी नेताओं के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर विचार कर रही है यूपी सरकार
उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान, सांसद भारतेंदु सिंह, विधायक उमेश मलिक और पार्टी नेता साध्वी प्राची के खिलाफ मामले दर्ज हैं.
मुजफ्फरनगर: योगी सरकार मुजफ्फऱनगर दंगों के आरोपी यूपी के मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद संजीव बालियान, एमपी भारतेंदु सिंह, एमपी हुकुम सिंह और एमएलए उमेश मलिक के ख़िलाफ़ मुक़दमे वापस लेने की तैयारी में है. न्याय विभाग ने डीएम और एसएसपी को चिट्ठी लिख कर इन मुक़दमों के बारे में जानकारी मांगी है. इसके साथ ही कोर्ट में मुक़दमे वापसी के लिए रिपोर्ट भी मांगी है. 2013 में दंगों के बाद ये केस दर्ज किये गये थे.
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले में बीजेपी नेताओं के खिलाफ यहां की एक अदालत में लंबित नौ आपराधिक मामलों को वापस लेने की संभावना पर सूचना मांगी है. यह जानकारी राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र में मिली.
चिट्ठी में मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का विचार भी मांगा गया है. बहरहाल पत्र में नेताओं के नाम का जिक्र नहीं है लेकिन उनके खिलाफ दर्ज मामलों की फाइल संख्या का जिक्र है. आरोपी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने, नौकरशाहों के काम में बाधा डालने और उनको गलत तरीके से रोकने के लिए आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं. मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में अगस्त, सितंबर 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे में 60 लोग मारे गए थे और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हुए थे.