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रूस से आर्थिक संबंध पर भारत की दो टूक- हमारे रिश्ते बेहद खुले हैं, राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम रूस के साथ अपने संबंधों को लेकर बहुत खुले हैं. हमारी कार्रवाइयों को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए.
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रूस और यूक्रेन के बीच जंग 40 से ज्यादा दिनों से जारी है. दोनों देशों के बीच इस युद्ध में रूस के साथ आर्थिक संबंधों को लेकर अमेरिका ने भारत की आलोचना की थी. अब इस बीच, विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसपर प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम रूस के साथ अपने संबंधों को लेकर बहुत खुले हैं. हमारी कार्रवाइयों को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए.
अरिंदम बागची ने कहा कि हमने रूस के साथ आर्थिक संबंध स्थापित किए हैं, हमारा ध्यान वर्तमान परिस्थितियों में इन स्थापित आर्थिक संबंधों को स्थिर करने पर है. हमारी कार्रवाइयों को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम रूस के साथ अपने रिश्तों को लेकर बेहद खुले हैं. यह देखने के लिए चर्चा चल रही है कि मौजूदा परिस्थितियों में किस तरह का भुगतान तंत्र कारगर हो सकता है.
अमेरिका के डिप्टी NSA ने क्या कहा था ?
बता दें कि अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह ने भारत को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार करने वाले देशों को भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. दलीप ने कहा था कि अमेरिका नहीं चाहता कि भारत की ऊर्जा और अन्य आयातों में रूस का हिस्सा बढ़े. यूएस डिप्टी एनएसए ने यह भी कहा कि भारत को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि अगर चीन कभी एलएसी का उल्लंघन करता है तो रूस उसके बचाव में आएगा.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे सैयद अकबरुद्दीन ने दलीप सिंह के बयान की आलोचना की. उन्होंने कहा कि तो यह है हमारा दोस्त. यह कूटनीति की भाषा नहीं है. यह जबरदस्ती की भाषा है. किसी को इस शख्स को बताना चाहिए कि एकतरफा दंडात्मक प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.
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