'भारत में नकली दवाओं के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति', कफ सिरप विवाद के बीच जानिए क्या कुछ बोले स्वास्थ्य मंत्री
Indian Cough Syrups: साल 2022 में गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीने से हुई क्रमशः 66 और 18 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. भारत निर्मित 7 कफ सिरप इस मामले में जांच के घेरे में आ गई हैं.
Mansukh Mandaviya On Cough Syrups: पिछले कुछ महीनों में भारतीय कफ सिरप को लेकर विदेशों में सवाल उठाए गए. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में निर्मित सात खांसी की दवाईयों को जांच के घेरे में डाला है. इन सबके बीच अब दवाईयों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) का बयान सामने आया है. उन्होंने मंगलवार (20 जून) को कहा, "भारत दवाओं की गुणवत्ता पर कभी मोलभाव नहीं करेगा."
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मनसुख मंडाविया ने इस बात पर भी जोर दिया कि नकली दवाओं से होने वाली किसी भी मौत को रोकने के लिए अधिकारी हमेशा सतर्क रहते हैं. मंडाविया का बयान ऐसे समय में आया है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कफ सिरप से मौतों के मामले में सख्त कदम उठाया है. इस पर उन्होंने कहा कि भारत में नकली दवाओं के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है. उन्होंने कहा, "सिरप के कारण कथित मौतों के बाद 71 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और इनमें से 18 को बंद करने का आदेश दिया है."
'हम गुणवत्ता वाली फार्मेसी हैं'
उन्होंने कहा, "देश में गुणवत्तापूर्ण दवाओं का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए लगातार व्यापक विश्लेषण किया जाता है. सरकार और रेगुलेटर हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहते हैं कि नकली दवाओं के कारण किसी की मौत न हो. हम दुनिया की फार्मेसी हैं और हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम 'दुनिया की गुणवत्ता वाली फार्मेसी' हैं. जब भी भारतीय दवाओं के बारे में कुछ सवाल उठाए जाते हैं तो हमें तथ्यों को जानने की जरूरत होती है."
कफ सिरप मौत मामले को लेकर क्या बोले?
मंडाविया ने कहा कि 'जब गाम्बिया में 49 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था तब हमने डब्ल्यूएचओ से तथ्य मांगे थे लेकिन कोई भी हमारे पास तथ्यों के साथ नहीं आया. तब हमने एक कंपनी के सैंपल की जांच की. मौत की असल वजह जानने की कोशिश की और पाया कि बच्चे को डायरिया था. अगर किसी बच्चे को डायरिया हुआ तो उस बच्चे के लिए कफ सीरप की सलाह किसने दी?'
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