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UTTAR PRADESH (80)
43
INDIA
36
NDA
01
OTH
MAHARASHTRA (48)
30
INDIA
17
NDA
01
OTH
WEST BENGAL (42)
29
TMC
12
BJP
01
INC
BIHAR (40)
30
NDA
09
INDIA
01
OTH
TAMIL NADU (39)
39
DMK+
00
AIADMK+
00
BJP+
00
NTK
KARNATAKA (28)
19
NDA
09
INC
00
OTH
MADHYA PRADESH (29)
29
BJP
00
INDIA
00
OTH
RAJASTHAN (25)
14
BJP
11
INDIA
00
OTH
DELHI (07)
07
NDA
00
INDIA
00
OTH
HARYANA (10)
05
INDIA
05
BJP
00
OTH
GUJARAT (26)
25
BJP
01
INDIA
00
OTH
(Source: ECI / CVoter)
यूरोप पर परमाणु मिसाइल गिरा सकता है सनकी तानाशाह किम जोंग उन
परमाणु शक्ति संपन्न होने के अलावा किम जोंग के पास एक ऐसा हथियार है जो ना सिर्फ ताकतवर भी है बल्कि उसका पता तब लगता है जब हमले को अंजाम दिया जा चुका होता है.
नई दिल्ली: अमेरिका के बाद अब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की परमाणु मिसाइलों का निशाना यूरोप हो सकता है. नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस सटॉल्टेनबर्ग ने कहा है कि यूरोप को उत्तर कोरिया की परमाणु मिसाइलों से खतरा है. दक्षिण कोरिया की दायवू कंपनी से उत्तर कोरिया के हैकर्स ने जंगी जहाज, पनडुब्बी और दूसरे हथियारों के ब्लू प्रिंट्स हैक कर लिए हैं.
नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस सटॉल्टेनबर्ग ने कहा है, ‘’हम मानते हैं कि यूरोप भी उत्तर कोरिया की मिसाइलों की रेंज में आ गया है और नाटो के सदस्य देश पहले ही खतरे में आ चुके हैं. नाटो के पास किसी भी खतरे और किसी भी हमलावर को जवाब देने की क्षमता है. नाटो या उसके सहयोगी युद्ध नहीं चाहते. ये एक बर्बादी होगी.’’
नाटो जैसे बेहद शक्तिशाली संगठन के इतने बड़े अधिकारी का ये बयान यूरोप को डराने वाला है.
क्या है नाटो?
नाटो यानी नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन एक सैन्य गठबंधन है. इसमें अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन सहित 29 देश शामिल हैं. नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी. इसका मुख्यालय बेल्जियम के ब्रुसेल्स में है. संधि के मुताबिक, नाटो के सदस्य देशों में से किसी एक पर भी हमला हुआ तो दूसरे सदस्य देश हमले का जवाब देने में साथ देंगे.
यानी 29 देशों की सेनाएं और उनकी ताकत एक साथ काम करेंगी. इससे नाटो की ताकत का अंदाज़ा लगा पाना बेहद आसान है, लेकिन किम जोंग उन को नाटो भी एक बड़ा और मज़बूत खतरा मान रहा है. इसकी एक बड़ी वजह है किम जोंग का परमाणु मिसाइलों से लैस होना.
परमाणु शक्ति संपन्न होने के अलावा किम जोंग के पास एक ऐसा हथियार है जो ना सिर्फ ताकतवर भी है बल्कि उसका पता तब लगता है जब हमले को अंजाम दिया जा चुका होता है.
उत्तर कोरिया ने चुराए जंगी जहाजों और पनडुब्बियों के ब्लूप्रिंट
बड़ा खुलासा हुआ है कि उत्तर कोरिया ने जंगी जहाजों और पनडुब्बियों के ब्लूप्रिंट चुरा लिए हैं. दक्षिण कोरिया के एक अखबार ने खुलासा किया है इस काम को उत्तर कोरिया के हैकर्स ने अंजाम दिया है, लेकिन उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि किसी भी साइबर क्राइम में उसका हाथ नहीं है.
अखबार के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के दायवू शिपबिल्डिंग एंड मरीन इंजीनियरिंग कंपनी से 40 हजार दस्तावेज हैक किए गए हैं. इसमें सेना से जुड़े 60 बेहद सीक्रेट दस्तावेज़ भी हैं. इनमें जहाज़ों, पनडुब्बियों और दूसरे हथियारों को बनाने की तकनीक और ब्लूप्रिंट्स हैं.
यानी उत्तर कोरिया इन ब्लूप्रिंट्स की मदद लेकर आसानी से इन हथियारों को बना सकता है, जिसकी तैनाती अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने उसके खिलाफ की है. शायद इसीलिए नाटो जैसा ताकतवर सैन्य संगठन भी किम जोंग उन को बेहद खतरनाक मान रहा है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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