रानीखेड़ा में 150 एकड़ में हाई-टेक बिजनेस पार्क बनाएगी केजरीवाल सरकार, एयरपोर्ट से होगी महज़ 15 मिनट की दूरी
अपनी तरह का यह पहला बिजनेस पार्क होगा जो कि सड़क और राजमार्ग से पूरी तरह से जुड़ा होगा. बिजनेस पार्क में प्रत्येक मंजिल पर बड़े आकार के कार्यस्थल होंगे और मल्टी-परपज़ व्यावसायिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी.

नई दिल्ली: दिल्ली में रानीखेड़ा में 150 एकड़ ज़मीन पर दिल्ली सरकार एक हाई-टेक बिजनेस पार्क बनवाने की तैयारी में है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इस बिज़नेस पार्क की दूरी सिर्फ 15 मिनट की होगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DSIIDC) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पहले चरण का काम निर्धारित समय में पूरा करने का निर्देश दिया है. अपनी तरह के पहले बिजनेस पार्क में विभिन्न आईटी सेवाएं, हाइटेक उद्योग सहित अन्य संस्थान होंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित बैठक में DSIIDC के अधिकारियों ने बिजनेस पार्क के निर्माण की कार्य योजना सामने रखी. बैठक में उद्योग मंत्री सत्येन्द्र जैन समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजनेस पार्क के निर्माण का पहला चरण निर्धारित समय में पूरा किया जाना चाहिए.
अपनी तरह का यह पहला बिजनेस पार्क होगा जो कि सड़क और राजमार्ग से पूरी तरह से जुड़ा होगा. बिजनेस पार्क में प्रत्येक मंजिल पर बड़े आकार के कार्यस्थल होंगे और मल्टी-परपज़ व्यावसायिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. इस बिजनेस पार्क का डिजाइन पैदल चलने के अनुकूल होगा. इमसें खानपान की सुविधा के साथ सभी तरह की सुविधाएं होंगी. साथ ही दिल्ली सरकार यहां बड़ी और पर्याप्त पार्किंग का भी निर्माण करायेगी. बिजनेस पार्क निर्माण सात अलग-अलग चरणों में किया जायेगा. पहले चरण का कार्य 31 अगस्त 2022 तक पूरा किया जाएगा. पहले चरण में 15 लाख वर्ग फुट की बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा.
हाई-टेक बिज़नेस पार्क की विशेषताएं-
- सड़क और राजमार्ग से जुड़ा हुआ होगा
- हर मंजिल पर बड़ा कार्य क्षेत्र होगा
- बहुउद्देशीय व्यवसायिक सुविधाएं होंगी
- बेहतरीन डिजाइन और पैदल यात्रियों के लिए सुविधाएं होंगी
- खाने-पीने की बेहतर सुविधा होगी
- बेहतर और पर्याप्त पार्किंग बनेगी
- आधुनिक हरित इमारत होगी
DSIIDC ने बैठक में मौजूदा विकास परियोजनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी पेश की. बैठक में ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को आधुनिक तकनीक से उपचारित करने का फैसला भी किया गया.
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