CPM नेताओं पर बरसे सोमनाथ चटर्जी के बेटे, कहा- पिता को दुख पहुंचाने वालों को घर में जगह नहीं
बता दें कि साल 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु डील पर पार्टी के यूपीए 1 के समर्थन वापस लेने के बाद स्पीकर पद से इस्तीफा देने से इनकार करने पर सोमनाथ चटर्जी को पार्टी से निकाल दिया गया था.

नई दिल्ली: पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के बेटे प्रताप चटर्जी अपने पिता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीपीएम नेताओं पर बरस पड़े. प्रताप चटर्जी ने बिमान बसु और सूर्यकांत मिश्रा जैसे नेताओं की तरफ उंगली करके कहा कि जिन्होंने ने मेरे पिता को दुख पहुंचाया उन्हें इस घर में आने की इजाजत नहीं है. इसके बाद सभी नेता दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देकर चले गए.
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए प्रताप चटर्जी ने कहा, ''मेरे पिता ने अपना पूरा जीवन पार्टी को समर्पित कर दिया लेकिन उन्हें पार्टी सदस्यों की तरफ से सिर्फ अपमान ही मिला. बिमान बासु ने कई बार मेरे पिता की भावनाओं को आहत किया. वो जब भी दिल्ली आते थे मेरे पिता के घर में रहते थे. उन्होंने मेरे पिता का इस्तेमाल किया लेकिन उन्हें कभी अपेक्षित सम्मान नहीं दिया." वहीं प्रताप चटर्जी के व्यवहार पर बिमान बोस ने कहा, ''मुझे उनके बर्ताव का बुरा नहीं लगा रहा. इतनी बड़ी क्षति से वो पूरी तरह टूट गए हैं. असल में उनके पिता उन्हें पसंद नहीं करते थे.''
I don't mind his behaviour. He is completely broken by the loss of his father. He was actually not liked by his father also: Biman Bose, former CPM state chief on reports that he was asked by #SomnathChatterjee's son to leave when he went to pay his tribute. #WestBengal pic.twitter.com/Nhcvu6JzmB
— ANI (@ANI) August 13, 2018
जानकारी के मुताबिक प्रताप बोस ने पिता सोमनाथ चटर्जी के पार्थिव शरीर को सीपीएम कार्यालय ले जाने और उनके पार्थिव शरीर के पास पार्टी का झंडा रखने से भी इनकार कर दिया. बता दें कि साल 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु डील पर पार्टी के यूपीए 1 के समर्थन वापस लेने के बाद स्पीकर पद से इस्तीफा देने से इनकार करने पर सोमनाथ चटर्जी को पार्टी से निकाल दिया गया था.
पूर्व लोकसभा स्पीकर को श्रद्धांजलि देने के लिए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, बीजेपी सांसद एसएस आहलुवालिया भी उनके घर पहुंचे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पूर्व लोकसभा स्पीकर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा और सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी.
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Source: IOCL























