हाइपरसोनिक मिसाइल अटैक को रोकने के लिए भारत को किस चीज की जरूरत, एक्स ISRO चीफ ने बताया प्लान
India Pakistan Tension: इसरो के पूर्व चेयरमैन एस सोमनाथ ने हाइपरसोनिक मिसाइल को लेकर बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि भारत को सैकड़ों सेटेलाइट के सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है.

India Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान देखा गया कि अब युद्ध के तरीकों में बदलाव आ गया है. अब दो देशों के बीच होने वाले संघर्ष में ड्रोन और मिसाइलों की भूमिका अहम हो गई है. इसकी वजह से मानवीय नुकसान की संभावना कम हो गई है. इसी मसले पर इसरो के पूर्व चेयरमैन एस सोमनाथ ने अहम प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सैकड़ों सेटेलाइट के सपोर्ट के बिना भारतीय सेना को जोखिम उठाना पड़ सकता है.
पॉडकास्ट 'फ्रॉम कोड टू कल्चर' के हालिया एपिसोड में बात करते हुए एस सोमनाथ ने कहा, ''रक्षा के लिहाज से अब अंतरिक्ष का महत्व काफी ज्यादा बढ़ गया है. हमें यह हाल ही के कुछ संघर्षों के दौरान यह देखने को भी मिला है. यूक्रेन और रूस के बीच हुए संघर्ष को देखकर भी यह समझा जा सकता है.'' यूक्रेन-रूस के बीच हुए युद्ध के दौरान ड्रोन और मिसाइलों की काफी अहम भूमिका दिखी. यूक्रेन ने रूस पर ड्रोन के जरिए अटैक करके उसके कई एयरबेस तबाह कर दिए थे.
हाइपरसोनिक मिसाइल को इंटरसेप्ट करना नहीं है आसान - एस. सोमनाथ
एस. सोमनाथ ने युद्ध में हाइपरसोनिक मिसाइलों को लेकर कहा, ''हाइपरसोनिक मिसाइलों को मानक तकनीक का इस्तेमाल करके इंटरसेप्ट करना बहुत ही मुश्किल है. आपको एक ऐसे ऑब्जर्वेशन की जरूरत है जो दूसरे डोमेन से आने वाला हो. लिहाजा आपको दूसरे देशों के इलाके में काफी गहराई से निरीक्षण करने की जरूरत है, इससे पहले कि कुछ भी शुरू हो, आपको सब कुछ पता होना चाहिए.''
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान को सिखाया सबक
पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी. भारत ने इसके बाद आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. पाकिस्तान ने इसके जवाब में भारत के कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल से अटैक की कोशिश की, लेकिन सेना ने उसे नाकाम कर दिया.
Source: IOCL






















