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देवेंद्र फडणवीस का दावा- मेरे मुख्यमंत्री रहते उद्धव ठाकरे ने फोन कर सचिन वाजे को बहाल करने के लिए कहा था
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सचिन वाजे के खराब रिकॉर्ड के बावजूद भी शिवसेना ने इनको वापस लिया. उन्होंने कहा कि कोरोना के बहाने सचिन वाजे की बहाली हुई.
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मुंबई: मुंबई में स्कॉर्पियो मामले में सुपर कॉप सचिन वाजे का नाम सामने आने के बाद बीजेपी ने सीएम उद्धव ठाकरे सरकार को निशाने पर लिया है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ठाकरे सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कोरोना के बहाने सचिन वाजे की बहाली हुई थी.
फडणवीस ने दावा किया, "2018 में मेरे मुख्यमंत्री रहते स्वयं उद्धव ठाकरे ने फोन कर सचिन वाजे को बहाल करने के लिए कहा था. लेकिन मैंने लीगल ओपिनियन के बाद उसे बहाल नहीं किया था." फडणवीस ने कहा कि सचिन वाजे के खराब रिकॉर्ड के बाद भी शिवसेना ने उस समय इनको वापस लिया और मुंबई क्राइम ब्रांच की सबसे महत्वपूर्ण यूनिट क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) का प्रमुख बनाया. इसके बाद मुंबई में सारे हाई प्रोफाइल केस सीआईयू के पास जाती थी. ये केस भी सीआईयू के पास गई.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में जिलेटिन स्टिक से भरी एक कार पाई गई और जिस प्रकार से पुलिस महकमे से इस प्रकार की गाड़ी प्लांट की जाती है और उसके बाद की घटनाओं में सबसे बड़ी कड़ी मनसुख हिरेन का जिस प्रकार से खून किया जाता है ये मुंबई, महाराष्ट्र के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुआ. अगर रक्षा करने वाले इस प्रकार से अपराधी तत्व बन जाएं तो सुरक्षा कौन करेगा, ये सवाल है?
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसमें सबसे अहम सवाल ये है कि एपीआई सचिन वाजे को नौकरी में वापस क्यों लिया गया? सचिन वाजे 2004 में सस्पेंड हुए. 2007 में वीआरएस दिया और उनके ऊपर इंक्वायरी के चलते उनका वीआरएस एक्सेप्ट नहीं हुआ. 2018 में जिस समय मैं सीएम था उस समय शिवसेना की ओर से दबाव था कि एपीआई सचिन वाजे को फिर एक बार सरकार की सेवा में लिया जाए. लेकिन मैंने वाजे को नहीं लिया.
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