Moral Policing: कांग्रेस ने सीएम बसवराज बोम्मई पर लगाया आरोप- 'मोरल पुलिसिंग को दे रहे है बढ़ावा'
Moral Policing: कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने आश्चर्य जताया कि क्या मुख्यमंत्री मौजूदा कानूनों और पुलिस के कर्तव्यों से अवगत हैं. उन्होंने कहा, 'सरकार को ऐसी गतिविधियों को नहीं होने देना चाहिए.'

Moral Policing: कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने शनिवार (17 दिसंबर) को आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के तरफ से की जा रही नैतिक पहरेदारी (मोरल पुलिसिंग) को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिसके कारण यह मंगलुरु शहर और उसके बाहरी इलाकों में बढ़ती जा रही है.
एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दक्षिण कन्नड़ में मॉरल पुलिसिंग की आठ घटनाएं सामने आई हैं. असामाजिक तत्वों के तरफ से इस तरह के कामों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि मोरल पुलिसिंग (Moral Policing) में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए .
सिद्धारमैया ने आश्चर्य जताया
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने आश्चर्य जताया कि क्या मुख्यमंत्री मौजूदा कानूनों और पुलिस के कर्तव्यों से अवगत हैं. उन्होंने कहा, "सरकार को ऐसी गतिविधियों को नहीं होने देना चाहिए." मंगलुरु विस्फोटों पर केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) अध्यक्ष डीके शिवकुमार (D. K. Shivakumar) के बयान की चौतरफा आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी KPCC प्रमुख के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और लोगों के बीच गलत सूचना फैला रही है.
बीजेपी के आरोप पर किया सवाल
बीजेपी के इस आरोप पर कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी तो उन्होंने पूछा कि बीजेपी पिछले नौ वर्षों में देश में आतंकवाद को क्यों नहीं रोक सकी. उन्होंने पूछा कि अब उनकी यहां डबल इंजन की सरकार है और वे आतंकवादी गतिविधियों को क्यों नहीं रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता राज्य की ज्वलंत समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं और जनता को भावनात्मक मुद्दों से भड़का रहे हैं.
क्या है मोरल पुलिसिंग
मोरल पुलिसिंग एक तरह की सिस्टम है, जहां सोसाइटी के बेसिक स्टैंडर्ड की निगरानी रखी जाती है. या यूं कह ले कि बेसिक स्टैंडर्ड को ना मानने वाले पर एक खास तरह के बैन लगाए जाते हैं. इसमें कल्चर, रीति-रिवाज और धार्मिक मुद्दों जैसी चीज़ें शामिल होती हैं. हालांकि इसी के पीछे कुछ गलत चीजों को भी बढ़ावा दिया जाता है, जिसको लेकर विरोध भी होता रहता है. वहीं इस सिस्टम के तहत घटना की वकालत करने वाले व्यक्ति के मोरल पुलिसिंग पर भी सवाल उठाए जाते हैं.
Source: IOCL





















