रिसेट-2बी सैटेलाइट से और ज्यादा मजबूत होगा भारत, नज़र उठाकर नहीं देख पाएगा दुश्मन
इसरो अगले 10 महीनों में 8 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. इसमें से 5 सैटेलाइन भारत की सीमा की निगरानी करेंगे. इससे देश की सीमाओं पर पेनी नजर रखी जाएगी.

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है. आज सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर पीएसएलवी सी-46 के ज़रिए रिसेट-2बी उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया है. पीएसएलवी सी-46 को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया है. यह उपग्रह 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा.
रिसेट-2बी से भारत को कैसे मिलेगी मजबूती?
- RISAT 2B सैटेलाइट से आपदा, सुरक्षाबल और सीमा पर नजर रखी जा सकेगी. इस सैटेलाइट के जरिए सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकथाम में मदद मिलेगी.
- रिसेट-2बी सैटेलाइट क्लाउडी कंडीशन यानी घने बादलों और खराब मौसम की स्थिति में भी हाई रेजोल्यूशन की तस्वीरें लेने में सक्षम है.
- इससे आपदा राहत कार्य में लगे लोगों और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी.
- इस उपग्रह प्रक्षेपण के साथ ही भारत को अब हर मौसम में दुश्मन देश पर नजर रखने में मदद मिलेगी. इसीलिए इसे अंतरिक्ष में भारत की खुफिया आंख भी कहा हा सकता है.
- इसरो को उम्मीद है कि आने वाले 2020 तक भारत अपने सीमाओं को सुरक्षित करने में पूरी तरह से सक्ष्म हो जाएगा.
इसरो अगले 10 महीनों में 8 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. इसमें से 5 सैटेलाइन भारत की सीमा की निगरानी करेंगे. इससे देश की सीमाओं पर पेनी नजर रखी जाएगी. इसमें पाकिस्तान और उसके आतंकी कैंप शामिल हैं. बाकी तीन सैटेलाइट का इस्तेमाल संचार के माध्यम के लिए होगा. जिससे सेना और देश दोनों की ताकत बढ़ेगी.
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